रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शशिकांत दास ने देश में पांच प्रतिशत की दर से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में ग्रोथ पर हैरानी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े उम्मीद से काफी कम हैं। शशिकांत दास ने यह बात CNBC-TV18 (न्यूज चैनल) को दिए एक साक्षात्कार में कही। उन्होंने स्वीकार किया कि भारत आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है और सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता विकास की गति को वापस ट्रैक पर लाना है।
इंटरव्यू के दौरान दास ने कहा, “हमने (RBI) 5.8 फीसदी के ग्रोथ की भविष्यवाणी की थी। किसी ने भी 5.5 फीसदी से कम की भविष्यवाणी नहीं की थी। ये आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं और बेहद खराब हैं।” वित्त वर्ष 2020 के पहली तिमाही में भारत के जीडीपी का ग्रोथ 5 प्रतिशत दर्ज किया गया है। यह बीते 6 सालों में विकास की सबसे धीमी रफ्तार है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वह काफी कम आंकड़े की बारीकी से विश्लेषण कर रहे हैं।
केंद्रीय बैंक के प्रमुख ने सोमवार को टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सऊदी अरब की तेल कंपनी पर हुए हमले पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब की तेल कंपनी पर हमले के बाद अगर तेल की कीमतों में इजाफा जारी रहता है तो वित्तीय घाटा बढ़ सकता है। उन्होंने कहा, “हमें आखिरी परिदृश्य को समझने के लिए कुछ और दिनों तक नज़र बनाए रखनी होगी। यह कितनी देर तक बनी रहती है” दास ने कहा कि यह भी देखना महत्वपूर्ण है कि आपूर्ति के वैकल्पिक स्रोत सामने आएं और सऊदी तेल कंपनी का संचालन जल्दी शुरू हो। गौरतलब है कि दुनिया की सबसे बड़ी क्रूड ऑयल प्रॉसेसिंग प्लांट पर हुए हमले के लिए अमेरिका ने ईरान को दोषी ठहराया है।
इस हमले के संबंध में ईरान ने अमेरिकी आरोपो को खारिज किया है, लेकिन साथ ही यह भी ऐलान किया है कि वह ‘संपूर्ण युद्ध” के लिए तैयार है। ऐसे हालात में आसमान छूती तेल की कीमतों से भारत जैसे देश काफी ज्यादा प्रभावित होने वाले हैं। क्योंकि, भारत कच्चे तेल के लिए सबसे ज्यादा आयात पर ही निर्भर है।

