रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महाराष्ट्र के उस्मानाबाद में स्थित वसंतदादा नगरी सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। आरबीआई ने कहा कि बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के हिसाब से अभी के जमाकर्ताओं का पूरा पैसा वापस नहीं कर पायेगा। इसी कारण उसका लाइसेंस रद्द किया गया है।

आरबीआई के मुताबिक सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द करने और परिसमापन की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही वसंतदादा नगरी सहकारी बैंक के जमाकर्ताओं का पैसा लौटाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जायेगी। रिजर्व बैंक ने कहा कि परिसमापन के बाद जमाकर्ता पांच लाख रुपये तक का जमा पाने के पात्र होंगे। इस तरह सहकारी बैंक के 99 प्रतिशत से अधिक जमाकर्ताओं को पूरी रकम वापस मिल जायेगी।

बढ़ते कर्ज को लेकर चिंतित आरबीआई: इधर, रिजर्व बैंक ने सरकार के कर्ज पर भी चिंता जाहिर की है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि राजस्व में कमी के बीच अधिक उधारी ने बैंकों पर अतिरिक्त दबाव भी डाला है, जो महामारी की वजह से नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) में वृद्धि जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

रिजर्व बैंक ने ये भी कहा कि एनपीए यानी फंसा हुआ कर्ज तुलनात्मक आधार पर सितंबर 2021 तक बढ़कर 13.5 प्रतिशत पर पहुंच सकता है जो सितंबर 2020 में 7.5 प्रतिशत था। भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार अगर वृहत आर्थिक माहौल और खराब होता है और गंभीर दबाव की स्थिति उत्पन्न होती है, तो सकल एनपीए अनुपात 14.8 प्रतिशत तक जा सकता है।

शेयर बाजार की बढ़त पर भी चिंता: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि तेजी से ऊपर चढ़ते बाजार और आर्थिक गतिविधियों के बीच कहीं तालमेल नहीं दिखता। उन्होंने चेताया कि वित्तीय संपत्तियों का जरूरत से ज्यादा मूल्यांकन वित्तीय स्थिरता के लिये जोखिम पैदा कर सकता है। आरबीआई गवर्नर ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को इस जोखिम का संज्ञान लेने को कहा।

कोरोना वायरस महामारी के बाद मार्च में भारतीय शेयर बाजारों में 40 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आयी थी। हालांकि, उसके बाद से बाजार अब तक 80 प्रतिशत से अधिक चढ़ चुके हैं और यह तेजी लगातार जारी ही है। नये डीमैट खाते खुलने की रफ्तार भी रिकॉर्ड उच्च स्तर पर है।