भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को ग्रामीण इलाकों में नकदी की कमी को स्वीकार करते हुए वाणिज्यिक बैंकों से कहा है कि वे कम से कम 40 फीसदी नकदी ग्रामीण शाखाओं में भेजें। आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा कि बैंकों द्वारा ग्रामीण इलाकों में की जा रही नोटों की आपूर्ति ग्रामीण आबादी की जरूरतों के मुताबिक नहीं है। इसलिए बैंकों को सलाह दी जाती है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी), केंद्रीय जिला सहकारी बैंक (डीसीसीबी) और वाणिज्यिक बैंक, व्हाइट लेबल एटीएम और पोस्ट ऑफिस को प्राथमिकता के आधार पर नकदी की आपूर्ति की जाए।
आरबीआई ने बैंकों से ग्रामीण इलाकों के लिए 500 और 100 रुपये या उससे कम के ज्यादा नोट जारी करने के लिए कहा है। ताकि लोगों को कैश को लेकर किसी तरह की परेशानी न हो साथ ही प्राथमिकता के आधार पर सिक्कों की आपूर्ति करने को कहा है। आरबीआई का कहना है जरूरत पड़ने पर केंद्रीय बैंक से भी इसे लिया जाए।
आरबीआई ने कहा ग्रामीण आबादी की जरूरत प्रत्येक जिले की ग्रामीण और शहरी आबादी के मिश्रण के आधार पर भिन्न होती है। इसलिए बैंक साप्ताहिक औसत आधार पर प्रत्येक जिले की जरूरत के अनुरूप नकदी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। सरकार ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये की नोटबंदी कर दी और इसे भ्रष्टाचार, काला धन और आतंकवाद के वित्त पोषण के खिलाफ लड़ाई करार दिया था। इस कदम से देश भर में नकदी की कमी हो गई है।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 500 और 1000 के नोट बंद करने की घोषणा की थी उस समय उन्होंने देश की जनता से 50 दिनों का समय मांगा था। लेकिन अब वह अवधि समाप्त हो गई है। कई जगहों पर एटीएम के बाहर भीड़ देखने को मिल रही है। ऐसा माना जा रहा है कि हालात सामान्य होने में अभी भी थोड़ा और समय लगेगा।