रेटिंग एजेंसी केयर ने अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस कैपिटल की कर्ज रेटिंग को घटा दिया है। रेटिंग एजेंसी ने रिलायंस कैपिटल की रेटिंग को पहले के ‘BB’ से घटाकर ‘D’ कर दिया है। केयर के रेटिंग कम किए जाने के बाद से रिलायंस कैपिटल के मालिक अनिल अंबानी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उनका कहना है कि एजेंसी की तरफ से यह कदम मनमाने ढंग और पक्षपातपूर्ण और पूर्वाग्रह से ग्रस्त बताया है। अनिल अंबानी ने कहा कि रेटिंग एजेंसी ने कंपनी को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया। उन्होंने कहा कि रेटिंग एजेंसी के इस फैसले का लाखों निवेशकों पर असर पड़ेगा।
इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने रिलायंस कैपिटल की तरफ से गैर परिवर्तनीय ऋण पत्रों (Non-Convertible Debentures) पर ब्याज के भुगतान में एक दिन की देरी के बाद रेटिंग घटाई है। इस रेटिंग का आशय है कि रिलायंस कंपनी में पैसा लगाना जोखिमपूर्ण है। अनिल अंबानी ने कहा कि ब्याज के भुगतान में देरी बैंक के सर्वर में आई तकनीकी खराबी के कारण हुई।
हालांकि, एक दिन बाद ही ब्याज की राशि का भुगतान कर दिया गया। रेटिंग एजेंसी ने मनमाने तरीके से उनका पक्ष ही नहीं सुना। रिलायस कैपिटल की तरफ से बीएसई को लिखे पत्र में बताया कि इस देरी की वजह बैंक के सर्वर में तकनीकी खामी थी। संबंधित राशि का भुगतान अगले बैंकिंग डे यानि 11 सितंबर 2019 को कर दिया गया था।
रिलायंस कैपिटल की तरफ से रेटिंग एजेंसी के कदम को गैरपेशेवर, पक्षपातपूर्ण और पूर्वाग्रह से ग्रस्त बताया गया। कंपनी ने कहा कि केयर के इस अन्यायपूर्ण कदम से लाखों खुदरा और संस्थागत निवेशकों के हितों को प्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुंचेगा। इसके अलावा अप्रत्यक्ष रूप से कंपनी की सिक्योरिटीज भी प्रभावित होगी। हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम पर रेटिंग एजेंसी केयर की तरफ से खबर लिखे जाने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की गई थी।
बताया जा रहा है रेटिंग एजेंसी का यह कदम भारतीय बैंकिंग सेक्टर में व्याप्त डर को बढ़ा सकता है। देश का बैंकिंग सेक्टर पहले ही आईएलएफएस जैसी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के हालत खराब होने की वजह से नकदी के संकट का सामना कर रहा है।