देश के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा स्टार्टअप में निवेश करना काफी पसंद करते हैं। अब तक रतन टाटा ने कई छोटी कंपनियों में निवेश कर उसकी तस्वीर बदल दी है। बीते तीन महीने में ही टाटा समूह की ओर से कई स्टार्टअप में दांव लगाया जा चुका है। आइए जानते हैं निवेश की ​पूरी डिटेल..

किन कंपनियों में निवेश: हाल के महीनों में रतन टाटा ने प्रीतिश नंदी कम्युनिकेशंस और मेलरूम लॉजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी मेलिट में निवेश किया है। प्रीतिश नंदी कम्युनिकेशंस एंटरटेनमेंट इंडस्ट्रीज में सक्रिय है। वहीं, लॉजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी मेलिट है। हाल ही में टाटा समूह की डिजिटल ने फिटनेस पर केंद्रित क्योरफिट हेल्थकेयर में 7.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 550 करोड़ रुपये) का निवेश करने का ऐलान किया है। टाटा संस की 100 प्रतिशत सहायक कंपनी टाटा डिजिटल लिमिटेड ने क्योरफिट हेल्थकेयर में निवेश के लिए एक सहमति पत्र (एमओयू) पर दस्तखत किए हैं।

हालांकि, इसके लिए जरूरी मंजूरियां ली जानी हैं। इसके अलावा फार्मा कंपनी 1 एमजी में भी निवेश किया है। टाटा डिजिटल ने कहा है कि 1 एमजी में निवेश करने से टाटा के कस्‍टमर्स को एक अच्‍छा अनुभव प्रदान करने और ई–फार्मेसी और ई–डायग्नोस्टिक सेक्टर में क्वालिटेटिव प्रोडक्‍ट्स और सर्विस देने की क्षमता को ताकत मिलेगी।

आपको बता दें कि अलीबाबा समूह के बिग बास्केट में भी टाटा ने 65 फीसदी स ज्यादा की हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है। भारत में बिग बास्केट का 25 शहरों में कारोबार है। इसके पास 50 हजार स्टॉक रखने की यूनिट्स हैं। (ये पढ़ें-जब जेपी ग्रुप से अचानक टूट गई अनिल अंबानी के कंपनी की डील, बताई थी ये वजह)

रतन टाटा कहां करते हैं निवेश: रतन टाटा छोटी स्टार्टअप कंपनियों में निवेश करते रहे हैं। सबसे पहले साल 2014 में एल्टिरोज एनर्जी में निवेश से शुरुआत की थी। इसके बाद टाटा ने अर्बनक्लैप, लेंसकार्ट, अब्रा, डॉगस्पॉट, फर्स्टक्राइ, लाइब्रेट, होलाशेफ, कार देखो, जेनरिक आधार, ग्रामीण कैपिटल, स्नैपडील, ब्लू स्टोन, अर्बन लैडर, जिवामे, कैशकरो, पेटीएम, ओला जैसी कंपनियों में भी निवेश किया।