कर के ऊपर लगाया जाने वाला कर, उपकर कहलाता है। यह आमतौर पर विशिष्ट उद्देश्यों के लिए लगाया जाता है। एक बार इसका उद्देश्य हल हो जाता है तो इसको हटा लिया जाता है। उपकर से मिलने वाली राशि को केंद्र सरकार अन्य राज्य सरकारों के साथ साझा नहीं करती है और इससे प्राप्त समस्त कर राशि अपने पास रख लेती है। 2021-22 के बजट में केंद्र सरकार ने कृषि उपकर लगाया है।
उपकर को लगाने का उद्देश्य केवल किसी विशेष उद्देश्य, सेवा या क्षेत्र को विकसित करना होता है। अर्थात उपकर लगाने का उद्देश्य किसी जन कल्याण के कार्य के लिए वित्त की व्यवस्था करना होता है। जैसे कृषि कल्याण उपकर को कृषि के विकास के लिए और प्राथमिक शिक्षा उपकर का उद्देश्य देश में प्राथमिक शिक्षा का विकास करना है। उपकर से मिली राशि को पहले भारत के संचित कोष में रखा जाता है फिर इसके बाद उसे संबंधित कोष बनाया जाता है और उस राशि को उस कोष में भेज दिया जाता है।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की ओर से जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार; केंद्र सरकार ने 2017-18 में उपकर के माध्यम से 2,14,050 रुपए और वित्त वर्ष 2016-17 में 2,35,307 करोड़ रुपए उपकर के रूप में प्राप्त किए थे। नियम के अनुसार उपकर राशि को उन विशिष्ट उद्देश्यों पर खर्च किया जाना चाहिए जिनके लिए उसे वसूला गया है लेकिन कई ऐसा देखा गया है कि इस राशि को किन्हीं और कामों में खर्च कर दिया गया है।
एक संसदीय पैनल ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 के अंत तक 86,440 करोड़ रुपए उपकर एकत्र किया गया था, जिसमें से केवल 29,645 करोड़ रुपए भारत की संचित निधि में स्थानांतरित किया गया था। इसका मतलब है कि बकाया उपकर फंड का उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया है।
सरचार्ज किसी भी कर पर लगने वाला अतिरिक्त कर है, जो पहले से चुकाए गए कर पर लगता है. इसलिए सरचार्ज को अधिभार भी कहा जाता है। यह अधिभार मुख्य रूप से व्यक्तिगत आयकर और कॉपोर्रेट आयकर पर लगाया जाता है। भारत में सरचार्ज मुख्य रूप से व्यापारियों पर लगाए जाते थे लेकिन वर्ष 2013 से इसे अधिक आय कमाने वालों पर भी लगाना शुरू कर दिया गया था।

