अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने मंगलवार को हिंडनबर्ग रिपोर्ट के दावों पर बात की है। यह रिपोर्ट जनवरी 2023 में जारी की गई थी जिसमें अडानी समूह पर कई आरोप लगाए गए थे। गौतम अडानी ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट अडानी समूह की छवि को नुकसान पहुंचाने के मकसद से लाई गई थी और इस रिपोर्ट में गलत सूचनाओं का भंडार था। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट का उद्देश्य ग्रुप की स्टेट्स को नुकसान पहुंचाना और अडानी समूह के स्टॉक की कीमतों को कम करके फायदा हासिल करना था।
गौतम अडानी ने यह बात ग्रुप की Annual General Meeting-2023 में कही हैं। इस दौरान गौतम अडानी ने कहा कि यूएस-आधारित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट कंपनी की छवि को नुकसान पहुंचाने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास था।
जनवरी 24 को न्यूयॉर्क की शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आयी थी। रिपोर्ट में गौतम अडानी को कॉरपोरेट जगत का सबसे बड़ा ठग बताया गया था। रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की कंपनियों पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा था। रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद अडानी समूह को काफी नुकसान भी हुआ था और ग्रुप की रैंकिंग गिर गयी थी।
अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट को बताया था Propaganda
अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया था और दावा किया था कि कुछ स्वार्थी लोगों ने हिंडनबर्ग द्वारा किए गए दावों का फायदा उठाने की कोशिश की थी जोकि लाए ही इस लिए गए थे।
मंगलवार को गौतम अडानी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और इसके बाद चली लंबी चर्चाओं पर खुलकर बात की है। गौतम अडानी ने कहा, “रिपोर्ट के सामने आने के तुरंत बाद ही हमने इसका खंडन कर दिया था लेकिन कुछ लोगों ने इससे फायदा हासिल करने की कोशिश की, ऐसे लोगों ने अलग-अलग समाचारों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर झूठी कहानी को फैलाया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया और कमेटी को कुछ नहीं हुआ,कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मई-2023 में जारी कर दी थी।”
‘हम हर दिन सुधार के साथ आगे बढ़ रहे हैं’
गौतम अडानी ने इस दौरान कहा कि अडाणी ग्रुप अपने लॉन्ग टर्म उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और बाजार में अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
गौतम अडानी ने कहा, “यह मेरी प्रतिबद्धता है कि हम हर दिन इनमें सुधार करने का प्रयास करते रहेंगे। हमारा ट्रैक रिकॉर्ड खुद बोलता है, और जब हम अपनी चुनौतियों से गुजरे तो हमारे हितधारकों ने जो समर्थन दिखाया है, उसके लिए मैं आभारी हूं। यह ध्यान देने योग्य है कि इस संकट के दौरान भी हमने न केवल अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से कई अरब डॉलर जुटाए बल्कि भारत या विदेश में किसी भी क्रेडिट एजेंसी ने हमारी रेटिंग में कोई कटौती नहीं की है।”