कोरोना के इस दौर में तमाम निवेश योजनाओं की ब्याज दर में बड़ी कटौती की गई है। हालांकि इसके बाद भी पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड योजना निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और अच्छा रिटर्न देने वाली स्कीम है। फिलहाल इस स्कीम के तहत निवेशकों को 7.10 पर्सेंट सालाना का ब्याज मिल रहा है, जो कई दिग्गज बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीमों से भी अधिक है। इस स्कीम में निवेश के जरिए आप भविष्य के लिए पूंजी तो तैयार कर ही सकते हैं। इसके अलावा मौके पर टैक्स में भी बचत की जा सकती है। भारतीय स्टेट बैंक समेत देश के किसी भी कमर्शल बैंक से इस स्कीम के तहत खाता खुलवाया जा सकता है। आइए जानते हैं, क्या हैं पीपीएफ में निवेश के फायदे…
– पीपीएफ में आप सालाना 500 रुपये से लेकर अधिकतम 1,50,000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं। पीपीएफ अकाउंट मेच्योरिटी लिमिट 15 साल है, लेकिन खाताधारक की ओर से आवेदन किए जाने पर इसे अधिकतम 5 साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है।
– इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार की ओर से हर तिमाही में ब्याज दर तय की जाती है। फिलहाल पीपीएफ में निवेश पर 7.1 पर्सेंट सालाना का ब्याज मिल रहा है। मंदी के चलते इस ब्याज दर में कुछ कमी आई है, जबकि 2019 में ही पीपीएफ में जमा राशि पर 7.9 पर्सेंट का ब्याज मिल रहा था।
– पीपीएफ में निवेश पर आप इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 88 के तहत छूट हासिल कर सकते हैं। यही नहीं पीपीएफ में जमा राशि पर आप लोन भी हासिल कर सकते हैं।
– आप तीसरे साल से लेकर सातवें साल तक लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। तीसरे साल से आपको दो साल में जमा राशि का अधिकतम 25 फीसदी लोन मिल सकता है। पहले पीपीएफ पर लोन लेने के लिए खाताधारक को 2 फीसदी ब्याज चुकानी पड़ती थी, लेकिन सरकार ने 2020 के लिए इसे घटाकर एक फीसदी कर दिया है।
– पीपीएफ खाते के लिए आप किसी एक या अधिक लोगों को नॉमिनी बना सकते हैं। यही नहीं योजनाधारक अपनी तरफ से नॉमिनी का शेयर भी तय कर सकता है।
– यदि आप एक शहर से दूसरे शहर में शिफ्ट हो रहे हैं तो पीपीएफ खाते को भी आसानी से ट्रांसफर करा सकते हैं। इसके लिए कोई चार्ज भी नहीं देना होगा।