Provident Fund Interest Rate: कर्मचारियों को अपने पीएफ अकाउंट में जमा राशि पर वित्त वर्ष 2019-20 में 8.5 फीसदी का ब्याज मिलना भी मुश्किल लग रहा है। इसी महीने 6 तारीख को ही ईपीएफओ ने अपनी मीटिंग में पीएफ पर ब्याज दर को 8.65 पर्सेंट की बजाय 8.5 पर्सेंट करने का फैसला लिया था। हालांकि अब इतना ब्याज मिल पाना भी मुश्किल लग रहा है। शेयर मार्केट में तेज गिरावट के चलते यह स्थिति पैदा हो सकती है। देश भर में ईपीएफओ से कुल 6 करोड़ कर्मचारी जुड़े हुए हैं।

दरअसल ईपीएफओ का एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स में 95,500 करोड़ रुपये का निवेश है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ईपीएफओ मार्केट से अपने इस निवेश को रिडीम नहीं करा पाया है। बता दें कि 11 मार्च को विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कोरोना वायरस को महामारी घोषित किए जाने के बाद से शेयर मार्केट में तेज गिरावट है। बीते दो सालों में यह पहला मौका है, जब शेयर बाजार 30,000 के स्तर से भी नीचे जा चुका है।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की मीटिंग में ईपीएफओ के अधिकारियों ने 6 मार्च को कहा था कि सरकारी सिक्योरिटीज और बॉन्ड्स के जरिए 8.15 पर्सेंट का ब्याज देना काफी होगा और बाकी 0.35 पर्सेंट ब्याज एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स के जरिए अदा किया जाएगा। ऐसे में अब शेयर मार्केट के डूबने के चलते इस 0.35 फीसदी ब्याज की अदायगी को लेकर मुश्किल खड़ी हो सकती है। एक सूत्र ने बताया कि 0.35 फीसदी ब्याज मार्केट के जरिए चुकाया जाना था, जो अब गिरावट के दौर में है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की स्थिति पैदा हो गई है और इससे कारोबार चौतरफा प्रभावित हो रहा है। शेयर मार्केट में एक तरफ गिरावट का दौर जारी है तो रुपया अब तक के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचते हुए डॉलर के मुकाबले 75 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहा है।