कोरोना वायरस महामारी के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में जरूरी दवाओं, वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन, आईसीयू बेड आदि उपलब्ध नहीं होने से पिछले कुछ महीनों में काफी संख्या में पीड़ितों की जानें चली गईं। कुछ लोगों तक यह सुविधाएं पहुंची भी, लेकिन उनकी कीमतें इतनी ज्यादा थीं कि वे ले नहीं सके। सरकारी और निजी अस्पतालों के बाहर घंटों लोग तड़पते रहे, लेकिन न तो उन्हें ऑक्सीजन और वेंटिलेटर्स मिल सके और न ही कोई उन्हें देखने वाला था। इससे वे वहीं दम तोड़ दिए।
हालांकि तमाम सामाजिक संस्थाएं, संगठन और कंपनियां अपने स्तर पर लोगों की मदद के लिए आगे आईं और हजारों लोगों की जानें बचाने में सफल हुईं। परनोड रिकॉर्ड इंडिया (पीआरआई) तो 50 करोड़ रुपए के बजट के साथ बड़े पैमाने पर वेंटिलेटर्स, आईसीयू बेड, ऑक्सीजन प्लांट आदि स्थापित कराने का काम कर रही है। कंपनी ने तो मार्च 2020 में कोरोना महामारी की शुरुआत के समय ही मदद देनी शुरू कर दी थी। इस दौरान 100 से भी ज्यादा वेंटिलेटर्स, 105 एचएफएनसी, 35 मल्टी पैरा मॉनिटर्स, 140 आईसीयू बेड्स के साथ सरकारी अस्पतालों में मरीजों की देखभाल की व्यवस्था कंपनी ने की। इसके साथ ही उनके बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने में भी कंपनी ने अपने स्तर से प्रयास किया।
तमाम दूसरे संगठनों और कंपनियों की तरह अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए परनोड रिकॉर्ड इंडिया (पीआरआई) ने भी 17 राज्यों में कोविड फ्रंटलाइन वारियर्स को सैनिटाइज़र्स, मास्क वगैरह पब्लिक हाइजिन के लिए निशुल्क उपलब्ध करा रही है। पंजाब पुलिस, भारतीय नौसेना, राज्य सरकारों के स्वास्थ्य विभागों को भी कोविड से लड़ने के लिए जरूरी सामग्री दी है। देश भर में परिवहन का काम कर रहे ट्रक ड्राइवरों को भी कंपनी ने सैनिटाइजर्स, मास्क जैसे जरूरी चीजों की बड़े पैमाने पर आपूर्ति की है।
इसके अलावा पीआरआई ने एक बड़ा कदम उठाते हुए ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए मल्टीस्पेशियलिटी सरकारी अस्पतालों में मल्टी स्विंग एडजर्पशन (पीसीए) इकाइयों की स्थापना में भी मदद की है। इस बीच कई आइसोलेशन वार्ड और 350 ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर स्थापित करने में भी कंपनी मदद कर रही है।