Physical gold vs gold ETFs: पिछले एक साल में सोने ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। अगर हम फिजिकल गोल्ड की बात करें तो 24 कैरेट गोल्ड का दाम 11 सितंबर 2024 को 73,200 रुपये प्रति ग्राम था। और एक साल बाद अभी कीमत 1,12,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई है। यानी करीब 54 प्रतिशत का उछाल इसके भाव में आया है।

इसी तरह, जिन्होंने गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs) में निवेश किया उन्हें भी शानदार रिटर्न मिला। पिछले एक साल में गोल्ड ईटीएफ ने औसतन 50% तक का रिटर्न दिया है। सिर्फ अगस्त 2025 में ही गोल्ड ईटीएफ में 2,189.5 करोड़ रुपये का नेट इंफ्लो आया जो लगातार चौथे महीने का इंफ्लो है। भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (AMFI) के अनुसार, इस दौरान गोल्ड ईटीएफ का प्रबंधनाधीन संपत्ति (AUM) रिकॉर्ड 72,495 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। अगस्त में गोल्ड ईटीएफ में निवेश फ्लो 74% तक बढ़ गया है।

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गोल्ड ETF क्या है और यह कैसे काम करता है?

गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF)निवेश का एक साधन है जिसे शेयर बाजार में ट्रेड किया जाता है। यह सोने की कीमत को ट्रैक करता है यानी अगर बाजार में सोने की कीमत बढ़ती है तो आपके ईटीएफ का दाम भी उतना ही बढ़ेगा। निवेशक गोल्ड ईटीएफ को डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए खरीद सकते हैं। इसे शेयरों की तरह कभी भी बाजार में खरीदा और बेचा जा सकता है।

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गोल्ड ETFs में निवेश करने के फायदे

सुरक्षा (Security): इसमें सोना भौतिक रूप से रखने की जरूरत नहीं होती इसलिए चोरी या शुद्धता (Purity) की चिंता नहीं रहती।

पारदर्शिता (Transparency): इसकी कीमतें बाजार में लिस्टेड होती हैं और आसानी से ट्रैक की जा सकती हैं।

लिक्विडिटी (Liquidity): इसे कभी भी बाजार में खरीदा और बेचा जा सकता है।

छोटे निवेश की सुविधा (Facility of Small Investment): इसमें निवेशक कम राशि से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।

गोल्ड ETFs के जोखिम

-ETFs स्टॉक मार्केट से जुड़ा होता है इसलिए बाजार की अस्थिरता (volatility) का असर इस पर पड़ता है।

-इसमें फंड मैनेजमेंट चार्ज देना पड़ता है जिससे रिटर्न थोड़ा कम हो सकता है।

-अगर लंबे समय में सोने की कीमत गिरती है तो निवेशक को नुकसान भी हो सकता है।

फिजिकल गोल्ड में निवेश

भारतीय निवेशक परंपरागत रूप से भौतिक सोना यानी फिजिकल गोल्ड खरीदना पसंद करते हैं यानी गहने, सिक्के या बिस्किट के रूप में। लेकिन इसमें स्टोरेज का खर्च, मेकिंग चार्ज और शुद्धता जैसी समस्याएं होती हैं। फिर भी शादियों, त्योहारों और पारिवारिक कारणों से इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।

निवेशकों के लिए चेतावनी

निवेश का फैसला केवल पिछले रिटर्न देखकर नहीं लेना चाहिए। सोने की कीमतें अक्सर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार, डॉलर-रुपया विनिमय दर और भू-राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर करती हैं। इसलिए भविष्य में रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती।

सोने में निवेश के अन्य तरीके

-आज सोने में कई तरीके से निवेश किया जा सकता है। जानें गोल्ड में इन्वेस्ट के और कौन-कौन से साधन उपलब्ध हैं:

भौतिक सोना (Physical Gold): गहनों, सिक्कों और बिस्किट के रूप में।

गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs): यूनिट्स जिन्हें डीमैट अकाउंट के जरिए एक्सचेंज पर खरीदा-बेचा जाता है।

गोल्ड म्यूचुअल फंड्स (Gold Mutual Funds): ईटीएफ में अप्रत्यक्ष निवेश का तरीका।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs): सरकार द्वारा जारी बॉन्ड स्कीम जिन पर ब्याज भी मिलता है।

कुल मिलाकर देखें तो पिछले एक साल में फिजिकल गोल्ड और गोल्ड ईटीएफ दोनों ने ही बेहतरीन रिटर्न दिए हैं। जहां फिजिकल गोल्ड भावनात्मक और पारंपरिक जरूरतों के लिए उपयुक्त है वहीं गोल्ड ईटीएफ आधुनिक निवेशकों के लिए एक सुविधाजनक और सुरक्षित विकल्प बनकर उभरा है। लेकिन निवेश करने से पहले अपनी जरूरतों, लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता का आकलन जरूर करें।