एक स्टार्टअप फाउंडर ने पांच लाख रुपये के निवेश से करीब 7 हजार करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी कर दी। फणींद्र सामा इंडियन स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक जाना-माना नाम है। कई लोग उन्हें बस टिकटिंग प्लेटफॉर्म रेडबस के संस्थापक के रूप में पहचानते हैं लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि उन्होंने तेलंगाना के मुख्य इनोवेशन अधिकारी के रूप में भी काम किया है।
तीन दोस्तों ने Redbus की स्थापना की थी
फणींद्र सामा बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस के छात्र थे। ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात सुधाकर पसुपुनुरी और चरण पद्माराजू से हुई और बाद में वे तीनों दोस्त बन गए। रेडबस की स्थापना से पहले तीनों ने एक साथ अलग अलग संस्थानों में काम किया। वर्तमान में रेडबस की वैल्यूएशन करीब 7 हजार करोड़ रुपये है।
जब फणींद्र सामा, सुधाकर पसुपुनुरी और चरण पद्मराजू ने 2006 में रेडबस शुरू करने की योजना बनाई, तो उनके पास निवेश करने के लिए केवल 5 लाख रुपये थे। कहा जाता है कि इन तीनों में फणींद्र सामा प्रमुख थे, जिन्हें इस प्लेटफॉर्म को शुरू करने का विचार तब आया जब उन्हें त्योहार के दौरान अपने घर के लिए बस टिकट बुक करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा।
828 करोड़ में बिका Redbus
2013 में रेडबस को दक्षिण अफ्रीका के नैस्पर्स और चीन के टेनसेंट के अंतर्गत आने वाले Ibibo ग्रुप द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया। ये उस समय भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में सबसे बड़े विदेशी सौदों में से एक था। इस प्लेटफॉर्म का अधिग्रहण 828 करोड़ रुपये में किया गया था।
फणींद्र सामा के नेतृत्व में रेडबस ने भारत में बस टिकटिंग प्रक्रिया में क्रांति ला दी। प्लेटफ़ॉर्म ने इसे आसान और अधिक पारदर्शी बना दिया। फणींद्र सामा ने टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स में सर्किट के डिजाइनर के रूप में काम किया था। 2007 में रेडबस को 1 मिलियन डॉलर की फंडिंग प्राप्त हुई थी। देश के कुछ सबसे बड़े निवेशकों की मदद से रेडबस कुछ ही वर्षों में मार्केट लीडर बन गया।
तेलंगाना के मुख्य इनोवेशन अधिकारी भी रह चुके हैं फणींद्र
अधिग्रहण के बाद कुछ समय तक फणींद्र सामा रेडबस के साथ जुड़े रहे और फिर अन्य उद्योगों में चले गए। फणींद्र सामा अलग अलग सामाजिक पहल और परोपकार कार्यों में भी सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। उन्होंने तेलंगाना के मुख्य इनोवेशन अधिकारी के रूप में कार्य किया। उन्होंने राज्य में इनोवेशन और टेक्नोलॉजी को बढ़ाने में अपना योगदान दिया।