31 मई को चीन ने घोषणा की थी कि उसने प्रत्येक जोड़े को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति दी है। यह टू चाइल्ड पॉलिसी में बड़ा बदलाव है जिसका पालन 2015 से किया जा रहा था। वहीं बात भारत की करें तो आयकर नियम जो 1961 में पेश किए गए थे “हम दो, हमारे दो” के मूल सिद्धांत का पालन करते हैं। ऐसे में कई टैक्स बेनिफिट्स हैं, जिसके बारे में उन दंपत्तियों को नहीं पता जिनके दो बच्चे हैं। फिर चाहे वो ट्यूशन फीस हो या फिर एलटीए। खास बात तो ये है कि बच्चों के नाम पर किए गए निवेश पर भी टैक्स बेनिफिट्स मिलता है।
आपको बता दें कि जुलाई 2019 में राज्यसभा में एक जनसंख्या नियंत्रण विधेयक पेश किया गया था। इसमें दो बच्चों वाले परिवारों के लिए आयकर छूट और स्वास्थ्य बीमा लाभ और दो से अधिक बच्चों वाले लोगों के लिए उच्च दरों पर ऋण देने जैसी दंडात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि जिनके दो या उससे कम बच्चे हैं वो टैक्स से बच सकते हैं।
एजुकेशन अलाउंस : हालांकि सभी वेतनभोगी कर्मचारियों को शिक्षा के लिए प्रति बच्चा 100 रुपए प्रति माह की छूट का दावा करने की अनुमति है, यह दो बच्चों तक ही सीमित है। ध्यान दें कि बच्चों के एजुकेशन अलाउंस का लाभ उस ट्यूशन फीस लाभ से अधिक है जिसका दावा माता–पिता कर सकते हैं। ये सीमाएं वर्षों से हैं और इन्हें संशोधित करने की आवश्यकता है। मनोहर चौधरी एंड एसोसिएट्स के पार्टनर अमीत पटेल कहते हैं कि उनकी ओर से कई सरकार कहा है कि जिसमें इन सीमाओं को पेश करने की अवधि और उन्हें संशोधित करने की आवश्यकता है।
हॉस्टल एक्सपेंडिचर : अगर आपके बच्चे दूसरे शहर में पढ़ते हैं और वे हॉस्टल की सुविधा का इस्तेमाल करते हैं तो हर बच्चे के लिए आप 300 रुपए प्रति माह की छूट का दावा कर सकते हैं। यह हॉस्टल एक्सपेंडिचर अलाउंस की धारा 10 के तहत दावा किया जाता है। यह सुविधा दो बच्चों तक की सीमित है। इसलिए, यदि आपके दो बच्चे इस सुविधा का उपयोग कर रहे हैं तो लाभ की राशि 7,200 रुपए प्रति वर्ष है।
एलटीए कर लाभ : परिवार के लिए यात्रा व्यय का दावा करने के लिए एक कर्मचारी को चार साल में दो बार लीव ट्रैवल अलाउंस टैक्स में छूट की अनुमति है। लेकिन, इस छूट का फायदा उन परिवारों को मिलेगा जिनके यहां पर 1 अक्टूबर 1998 को या उसके बाद दो बच्चे पैदा हुए हों। यदि आपके बच्चे इस तिथि से पहले पैदा हुए हैं, तो आप दो से अधिक बच्चों के लिए छूट का दावा कर सकते हैं।
ट्युशन फीस : धारा 80सी के तहत बच्चे की ट्युशन फीस का दावा करने के लिए आयकर लाभ प्रत्येक वर्ष अधिकतम दो बच्चों तक सीमित है। इस प्रकार, कुल लाभ 2400 रुपए तक सीमित है। लेकिन इस ट्यूशन फीस नियम की एक और व्याख्या है, जिसके तहत दो से अधिक बच्चे वाले माता–पिता भी ट्यूशन फीस के लाभ का दावा करते रहे हैं। कानून के अनुसार प्रत्येक माता और पिता दो बच्चों के ट्यूशन फीस के लाभ का दावा कर सकते हैं। ऐसे में माता पिता दो–दो बच्चों का अलग–अलग दावा कर सकते हैं या फिर एक साथ चार बच्चों का।
बचत बैंक ब्याज : क्या आपने अपने बच्चों के लिए बचत बैंक खाता खोला है? आपको प्रति बच्चे बचत बैंक खाते के ब्याज के रूप में अर्जित 1,500 रुपए की छूट की अनुमति है। लेकिन फिर से दो बच्चों की सीमा है, जिनके लिए धारा 10 (32) के तहत ब्याज से होने वाला आय पूरी तरह से टैक्स फ्री है। बचत बैंक खाते के ब्याज के तहत आप अपने बच्चों की ओर से टैक्स छूट के रूप में अधिकतम राशि का दावा 3,000 रुपए तक कर सकते हैं।
निवेश और क्लबिंग : यदि किसी के बच्चे के नाम पर किया गया निवेश आय अर्जित करता है, तो नाबालिग बच्चे के मामले में उस राशि को माता–पिता की आय में जोड़ दिया जाता है। हालांकि, आयकर प्रावधान आपको ऐसी कमाई पर अर्जित 1,500 रुपए की कटौती का लाभ लेने की अनुमति देते हैं। लेकिन यह फिर से अधिकतम दो बच्चों के लिए उपलब्ध है।
इंवेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट : सरकार द्वारा संचालित कुछ निवेश योजनाएं भी टू–चाइल्ड गाइडलाइन का पालन करते हैं। उदाहरण के लिए, एक परिवार के लिए केवल दो सुकन्या समृद्धि योजना (कर लाभ वाली बालिकाओं के लिए एक बचत योजना) खातों की अनुमति है। टैक्स स्पैनर डॉट कॉम के सह–संस्थापक सुधीर कौशिक कहते हैं कि यदि आपके दो से अधिक बच्चे हैं और बहुत अधिक कर छूट खो रहे हैं, तो अपनी कर बचत की योजना बनाने के लिए हिंदू अविभाजित परिवार संरचना पर विचार करें।