रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के रेपो रेट में बढ़ोतरी करने के बाद, सभी बैंकों ने अपने ब्याज दर में बदलाव किया है। ऐसे में कई बैंकों ने अपने एफडी ब्याज दर में भी इजाफा किया है। वहीं भारत में ज्यादातर लोग एफडी में निवेश की प्लानिंग करते हैं, क्योंकि यह लोगों को अलग-अलग टेन्योर में ज्यादा ब्याज देता है। इसे एक ऐसे निवेश विकल्प के रूप में माना जाता है, जो महंगाई का भार कम कर सकता है।
अलग-अलग बैंक सभी टेन्योर के लिए अलग-अलग तरीके का ब्याज ऑफर करते हैं। यहां टॉप 5 बैंक हैं, जो अब 3 साल की एफडी अवधि पर सबसे अधिक ब्याज दरों की पेशकश कर रहे हैं। अगर कोई व्यक्ति 3 साल की अवधि के लिए 10,000 निवेश करता है, तो उसे तिमाही चक्रवृद्धि ब्याज कुछ इस प्रकार दिया जाएगा।
एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक तीन साल की एफडी पर 7.50 प्रतिशत ब्याज देगा, जिसका तिमाही चक्रवृद्धि रिटर्न 12497.16 रुपये होगा। डीसीबी बैंक की ओर से तीन साल का ब्याज 7.50 फीसदी ऑफर किया जा रहा और 10 हजार के निवेश पर तिमाही कंपाउंड रिटर्न 12497.16 होगा। इसी तरह, Bandhan बैंक 7.00 प्रतिशत का ब्याज तीन साल के लिए एफडी पर दे रहा है, जिसका कंपाउंड रिटर्न 12314.39 है।
सिटी यूनियन बैंक तीन साल की एफडी पर सात फीसदी का रिटर्न दे रहा है, जिसपर कंपाउंड रिटर्न 12314.39 है। वहीं Indusind बैंक एफडी पर 6.75 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है और 10 हजार के तिमाही कंपाउंड रिटर्न 12223.93 होगा।
फिक्स डिपॉजिट पर टीडीएस
एक एफडी की ब्याज आय पूरी तरह से टैक्स के अंतर्गत आता है। आय वर्ग और उसके बाद के टैक्स स्लैब के अनुसार, FD से मिलने वाले ब्याज पर कर लगता है। इस ब्याज को आपके खाते में जमा करते समय बैंक और कर्जदाता 10 प्रतिशत की समान दर से टीडीएस चार्ज करते हैं, लेकिन यह टीडीएस तभी कटेगा जब एफडी पर ब्याज 40,000 रुपये से अधिक है।
वहीं अगर आपकी वार्षिक कुल आय 2.5 लाख रुपये से कम है और आप टैक्स फ्री के रूप में अर्हता प्राप्त करते हैं, तो आप वर्ष की शुरुआत में फॉर्म 15G/15H दाखिल करके टीडीएस छूट का अनुरोध कर सकते हैं। वहीं टैक्स रिटर्न दाखिल करके आप टीडीएस रिफंड प्राप्त कर सकते हैं।