UPI Circle : All You Want to Know: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में डिजिटल पेमेंट्स से जुड़ा एक नया प्रोडक्ट लॉन्च किया है। यूपीआई सर्कल (UPI Circle) नाम के इस नए प्रोडक्ट के जरिये यूपीआई यूजर अपने परिजनों और करीबी भरोसेमंद लोगों को सेकेंडरी यूजर बनाकर डेलिगेट पेमेंट (delegate payments) का अधिकार दे पाएंगे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के मुताबिक उसके इस नए प्रोडक्ट का मकसद UPI डिजिटल पेमेंट सिस्टम को ज्यादा इनक्लूसिव और एफीशिएंट बनाना है। UPI सर्कल ऐसे यूपीआई यूजर्स को भी डिजिटल पेमेंट की सुविधा से जोड़ने का काम करेगा, जो अब तक किसी वजह से ऐसा नहीं कर पा रहे थे।
UPI सर्कल क्या है?
UPI सर्कल एक ऐसा फीचर है जो एक प्राइमरी यूज़र को इस बात की इजाजत देता है कि वह एक सेकेंडरी यूज़र को UPI ट्रांज़ैक्शन करने का अधिकार दे सके। इसमें ट्रांज़ैक्शन की सीमा को सेट किया जा सकता है। प्राइमरी यूजर का मतलब है UPI का वो यूजर, जो किसी और यूजर यानी सेकेंडरी यूजर को अपने बदले में UPI पेमेंट करने के लिए अधिकृत करता है। यह अधिकार दो तरह का हो सकता है – फुल डेलिगेशन और आंशिक यानी पार्शियल डेलिगेशन।
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फुल डेलिगेशन का मतलब क्या है?
UPI सर्कल इस्तेमाल करने वाला कोई प्राइमरी यूपीआई यूजर, किसी ऐसे सेकेंडरी यूजर को फुल डेलिगेशन (full delegation) का अधिकार दे सकता है, जिस पर उसे पूरा भरोसा हो। इससे सेकेंडरी यूज़र को UPI ट्रांज़ैक्शन शुरू करने और कंप्लीट करने का अधिकार मिल जाता है। फुल डेलिगेशन के तहत, हर ट्रांज़ैक्शन की सीमा 5000 रुपये और एक महीने में अधिकतम लेन-देन की लिमिट 15,000 रुपये तक हो सकती है।
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आंशिक डेलिगेशन क्या है?
NPCI के मुताबिक आंशिक डेलिगेशन (partial delegation) के तहत, प्राइमरी यूज़र किसी सेकेंडरी यूज़र को सिर्फ पेमेंट रिक्वेस्ट शुरू करने की इजाजत दे सकता है। रिक्वेस्ट इनीशिएट होने के बाद UPI पिन के जरिये उस ट्रांज़ैक्शन को पूरा करने का काम प्राइमरी यूज़र खुद ही करता है। एक प्राइमरी यूज़र 5 सेकेंडरी यूज़र्स को डेलिगेट कर सकता है, जबकि सेकेंडरी यूज़र केवल एक ही प्राइमरी यूज़र की तरफ से डेलिगेशन का अधिकार स्वीकार कर सकता है। आंशिक डेलिगेशन के मामले में UPI की मौजूदा लिमिट ही जारी रहेगी।
किनके लिए फायदेमंद है UPI सर्कल
UPI सर्कल उन यूजर्स को डिजिटल पेमेंट का ऑप्शन मुहैया कराता है, जो अब तक ऐसा करने से हिचकते रहे हैं या किसी वजह से ऐसा करने में असमर्थ हैं। मिसाल के तौर पर, ऐसे पेरेंट्स जिन्हें अपने कॉलेज में पढ़ रहे बच्चे को पैसे भेजने हैं, या उसके किसी खर्च के लिए पेमेंट करना है, ऐसे बुजुर्ग जो डिजिटल पेमेंट्स करने में दिक्कत महसूस करते या घबराते हैं, ऐसे बिजी लोग, जो अपने रोज-रोज के घरेलू खर्चों के लिए होने वाले पेमेंट्स का काम किसी और को सौंपना चाहते हैं, या ऐसे बिजनेसमैन जो अपने स्टाफ को छोटे-मोटे खर्चों के लिए नकद पेमेंट करने की बजाय डिजिटल तरीके से भुगतान करना चाहते हैं। यह सभी लोग, अब यूपीआई सर्कल के जरिये सेकेंडरी यूजर को डेलिगेट करके आसानी से डिजिटल पेमेंट कर पाएंगे। फुल और आंशिक डेलिगेशन की सुविधा के कारण वे यह भी तय कर पाएंगे कि किस सेकेंडरी यूजर को उन्हें पेमेंट के मामले में कितना अधिकार देना है और कितना नहीं। NPCI के इस नए प्रोडक्ट को देश में डिजिटल पेमेंट के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।