सॉफ्टवेयर कंपनी फ्रेशवर्क्स ने अमरीकी शेयर बाजार नैस्‍डैक में इतिहास रचते हुए भारत की पहली लिस्‍टेड कंपनी बन गई है। साथ ही शानदार लिस्‍ट‍िंग के साथ कंपनी के मालिकों को ही नहीं बल्‍कि कर्मचारियों को भी मालामाल कर दिया है। वास्‍तव में कंपनी के करीब 500 कर्मचारी करोड़पति बन गए हैं और उनमें से 70 कर्मचा‍री ऐसे हैं जिनकी उम्र 30 साल के आसपास है। आइए आपको भी बताते हैं कि इस बारे में कंपनी के सीईओ गिरीश मातृबूथम ने क्‍या कहा है।

नैस्‍डैक में कंपनी की शानदार लिस्टिंग
फ्रेशवर्क्स की नैस्डैक लिस्टिंग काफी शानदार रही। इसकी शानदार बाजार शुरुआत ने न केवल मातृबूथम, एक्सेल और सिकोइया जैसे शुरुआती निवेशकों को मालामाल किया बल्कि सैकड़ों फ्रेशवर्क्स कर्मचारी भी करोड़पति बन गए हैं। मातृबूथम की ओर से आए बयान अनुसार हमारे कर्मचारी भी हमारे शेयरधारक हैं। इस आईपीओ ने मुझे शुरुआती शेयरधारकों के लिए एक सीईओ के रूप में अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने का अवसर दिया है।

500 से अधि‍क कर्मचारी बने करोड़पति
कंपनी के सीईओ ने जानकारी देते हुए कहा कि हमारे 76 प्रतिशत कर्मचारियों के पास शेयर हैं, यह संख्या 90 प्रतिशत से भी अधिक थी, लेकिन हम इतने लोगों को काम पर रख रहे हैं, तो यह रेश्‍यो 76 प्रतिशत हो गया है। भारत में हमारे 500 से अधिक कर्मचारी करोड़पति हो गए हैं, जिनमें से 70 कर्मचारी ऐसे हैं, जिनकी उम्र 30 वर्ष के आसपास है और कुछ साल पहले ही कॉलेज से पासआउट होकर नौकरी कर रहे हैं।

कुछ ऐसी रही कंपनी की लिस्‍ट‍िंग
बिजनेस सॉफ्टवेयर निर्माता फ्रेशवर्क्स ने 22 सितंबर को नैस्डैक पर 43.5 डॉलर प्रति शेयर पर अपना कारोबार शुरू किया जो कंपनी के 36 डॉलर प्रति शेयर के लिस्टिंग मूल्य से 21 प्रतिशत ऊपर है। अब कंपनी का मार्केट कैप 12.3 अरब डॉलर हो गया है। फ्रेशवर्क्स, यूएस स्टॉक एक्सचेंज में सार्वजनिक रूप से जाने वाली पहली भारतीय सॉफ्टवेयर-ए-ए-सर्विस फर्म है जिसकी लास्‍ट वैल्‍यूएशन 3.5 बिलियन डॉलर थी। उसके बाद नवंबर 2019 में सिकोइया कैपिटल, कैपिटलजी और एक्सेल जैसे निवेशकों से 150 मिलियन डॉलर का फाइनेंस जुटाया था।

गोल्‍ड मेडलिस्‍ट एथलीट जैसा कर रहा हूं महसूस
कंपनी के को फाउंडर और सीईओ गि‍रीश ने कहा कि मैं एक ऐसे भारतीय एथलीट की तरह महसूस कर हूं जिसने ओलंपिक में गोल्‍ड मेडल जीता है। हम दुनिया को दिखा रहे हैं कि भारत की एक वैश्विक उत्पाद कंपनी क्या हासिल कर सकती है। यह फैक्‍ट हम इसे पहले अमेरिकी बाजारों में कर रहे हैं।