भारतीय रिजर्व बैंक ने कोविड -19 राहत उपायों के तहत बैंकों को आसान पुनर्भुगतान शर्तों के साथ एक स्पेशल पर्सनल लोन योजना शुरू करने की अनुमति दी है। इसका उद्देश्य कोविड -19 के इलाज के लिए भारी चिकित्सा बिलों का सामना करने वाले लोगों के लिए था। इस तरह के पर्सनल लोन में दूसरे पर्सनल लोन की तुलना में कम ब्याज चुकाना होगा।
वहीं उधारकर्ता को बैंक को एक रिटन अंडरटेकिंग देना होता है कि लोन का उपयोग केवल उपचार के उद्देश्य से किया जाएगा। इस योजना के तहत, बैंक 1 अप्रैल, 2021 को या उसके बाद इलाज के लिए ऋण के लिए आवेदन करने वाले उधारकर्ताओं से एक कोविड -19 रिपोर्ट भी मांगते हैं। ऐसे लोन की शर्तें प्रत्येक बैंक अलग-अलग हो सकती हैं। कुछ सरकारी बैंकों, जिन्होंने दूसरी लहर दौरान स्पेशल कोविड लोन की सुविधा शुरू वो मौजूदा सेविंग अकाउंट होल्डर्स और लोनकर्ताओं के कुछ समूहों को लोन की सुविधा दे रहे हैं।
अगर बात देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की कवच पर्सनल लोन की बात करें तो तो यह योजना कामकाजी या पेंशनभोगियों के लिए उपलब्ध है, जिसमें कोई प्रोसेसिंग फीस, कोलेटरल और फोरक्लोजर चार्ज नहीं है। एसबीआई यह लोन अपने कस्टमर्स को ही ऑफर कर रहा है जिन्हें जिन्हें 1 अप्रैल को या उसके बाद स्वयं और परिवार के सदस्यों के कोविड -19 उपचार से संबंधित चिकित्सा खर्चों को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता है। ग्राहक अपनी योग्यता के अनुसार न्यूनतम 25,000 रुपए से लेकर अधिकतम 5 लाख रुपए का ऋण ले सकते हैं। ऋण की अवधि 5 वर्ष है जिसमें तीन महीने की मोहलत शामिल है। 60-महीने के लोन के लिए, राशि को 57 ईएमआई में चुकाना होगा, जिसमें मोराटोरिम के दौरान लिया गया ब्याज शामिल है।
कवच पर्सनल लोन पर लगाए जाने वाले ब्याज की दर 8.5 फीसदी प्रति वर्ष रखी गई है। आम तौर पर दूसरे पसर्नल लोन के लिए ब्याज दरें अधिक होती हैं, अर्थात, एसबीआई द्वारा पांच साल की अवधि के लिए बिना कोलेटरल के स्वीकृत लोन की दर 9.6 फीसदी से लेकर 13.85 फीसदी है। उधारकर्ताओं को ऋण राशि का 1.5 फीसदी प्रोसेसिंग फीस और जीएसटी भी चुकाना होता है।
अगर बात दूसरे बैंकों की करें तो पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओआई) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) जैसे सभी प्रमुख सरकारी बैंकों ने आसान पुनर्भुगतान और कम ब्याज दरों के साथ समान ऋण उत्पाद पेश किए। हालांकि, सभी के बीच एक सामान्य विषय यह था कि लोन केवल मौजूदा ग्राहकों को ही दिया जाता है। बैंक ऑफ इंडिया, एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक और यूबीआई की ओर से ली जाने वाली ब्याज दरें 6.85 फीसदी से लेकर 8.5 फीसदी तक हैं।