बीते एक दशक में विदेशी शेयर बाजारों में अच्छी खासी तेजी देखने को मिली है। जिसकी वजह से भारतीय निवेशकों ने म्यूचुअल फंड को रास्ता बनाकर इन बाजारों में एंट्री का प्रयास किया है। जिसका फायदा भी देखने को मिला है। उन म्यूचुअल फंड ने निवेशकों को पांच साल में अच्छा खासा रिटर्न भी दिया है। जानकारों की मानें तो अगर बाजार में इसी तरह की रैली जारी रहती है तो आने वाले समय में रिटर्न में और ज्यादा इजाफा देखने को मिल सकता है।
ऐसे में भारतीय निवेशक अब अपने इंवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में विदेशी म्यूचुअल फंड को ऐड करने में बिल्कुल भी नहीं घबरा रहे हैं। आज हम आपको ऐसे ही पांच विदेशी म्यूचुअल फंड के बारे में जानकारी देगें जिन्होंने पांच साल में 18 से 28 फीसदी तक का रिटर्न दिया है।
1. एसीईएमएफ के आंकड़ों के अनुसार, मोतीलाल ओसवाल नैस्डैक 100 ईटीएफ ने पिछले पांच वर्षों में सालाना 28 प्रतिशत का मजबूत प्रदर्शन किया है और अंतरराष्ट्रीय फंड प्रदर्शन चार्ट में सबसे ऊपर है। इसके पास 4351 करोड़ रुपये की संपत्ति है। हालांकि नैस्डैक प्रौद्योगिकी पर भारी है, लेकिन इसके पास उपभोक्ता सेवाओं और स्वास्थ्य सेवा में भी ग्लोबल लीडर्स हैं, इस प्रकार निवेशकों को अपना पैसा लगाने के लिए एक हेल्दी बकेट है।
2. फ्रैंकलिन इंडिया फीडर – फ्रैंकलिन यूएस अपॉर्चुनिटीज फंड 23.5 फीसदी रिटर्न के साथ सूची में दूसरे स्थान पर है। यह व्यापक बाजार रसेल 3000 ग्रोथ इंडेक्स के खिलाफ बेंचमार्क है और इसकी संपत्ति 3610 करोड़ रुपए है।
3. पीजीआईएम इंडिया ग्लोबल अपॉर्चुनिटीज फंड ने पांच साल में 22.2 फीसदी रिटर्न दिया है। अपने नाम के अनुरूप, इसका फीडर फंड अमेरिका, यूरोपीय और चीनी शेयरों में निवेश करता है। यह फंड 1269 करोड़ रुपये की संपत्ति का प्रबंधन करता है।
4. एडलवाइस ग्रेटर चाइना इक्विटी ऑफ-शोर फंड ने पिछले पांच वर्षों में 22 प्रतिशत दिया और चीन, हांगकांग और ताइवान में सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश किया। यह जेपी मॉर्गन फंड – ग्रेटर चाइना फंड के माध्यम से निवेश करता है। इसके पास 1838 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
5. डीएसपी यूएस फ्लेक्सिबल इक्विटी फंड ने पिछले पांच सालों में 18.4 फीसदी रिटर्न दिया है। यह 473 करोड़ रुपए की संपत्ति का प्रबंधन करता है। यह रसेल 1000 टीआरआई के लिए बेंचमार्क है।

