भारत में हर मौकों पर गिफ्ट देने का चलन है। शादी हो, त्योहार हो या फिर कोई और अवसर, लोग दिल खोलकर उपहार देते और लेते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है, इन गिफ्ट्स पर भी टैक्स लगता है। हालांकि पहले ऐसा नहीं था, गिफ्ट टैक्स के दायरे से बाहर रहता था, लेकिन अब इसपर भी एक सीमा से ज्यादा के मूल्य के गिफ्ट पर टैक्स लगता है।
भारत सरकार ने उपहार अधिनियम, 1958 (GTA) के तहत 1958 में गिफ्ट टैक्स की शुरुआत की थी। इसे कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में गिफ्ट प्राप्त करने और देने पर टैक्स लगाने के उद्देश्य से पेश किया गया था।
आइए जानते हैं गिफ्ट पर लगने वाले टैक्स नियम
- एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये तक का गिफ्ट टैक्स से बाहर है। हालांकि अगर आप इससे अधिक मूल्य का उपहार प्राप्त करते हैं, तो पूरा गिफ्ट टैक्स के दायरे में चला जाता है। जैसे- यदि आपको कोई गिफ्ट के रूप में 1 लाख रुपये देता है तो 1 लाख रुपये की पूरी राशि आपकी आय में जोड़ दी जाएगी और आपकी स्लैब दर के हिसाब से टैक्स लग जाएगा। इसे ‘अन्य स्रोतों से आय’ माना जाएगा।
- यदि आप कोई संपत्ति (चल या अचल) प्राप्त करते हैं, प्रतिफल और स्टांप शुल्क मूल्य के बीच के अंतर को कर योग्य गिफ्ट माना जाएगा। अगर संपत्ति की असली वैल्यू और स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू में 50 हजार से कम का योगदान है तो यह कार्य, टैक्सेबल गिफ्ट में नहीं माना जाएगा।
- रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट पर किसी भी तरह का कोई टैक्स नहीं लगता है। लेकिन इनकम टैक्स ने रिश्तेदार वाले सेक्शन में भी कुछ सगे-संबंधियों की ही रखा है, आप किसी को भी रिश्तेदार के तौर पर बनाकर टैक्स फ्री के दायरे में गिफ्ट नहीं ले सकते हैं। टैक्स नियमों के अनुसार पति-पत्नी, भाई-बहन, पति या पत्नी के भाई या बहन, माता-पिता के भाई या बहन, ऐसे संबंधी तो आपके वंश में आते हों, या फिर पत्नी के वंश में आते हों, इनके दिए गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता है।
- शादी में दिए गए गिफ्ट पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है। शादी के दौरान कोई भी गिफ्ट दे, वो इनकम टैक्स के दायरे से बाहर होता है। इसलिए जब भी ऐसे मौके पर गिफ्ट लें तो उसकी पूरी जानकारी रखें। गिफ्ट देने की तारीख शादी के आसपास ही होनी चाहिए, ऐसा ना हो कि शादी के नाम पर आप कभी भी गिफ्ट लें और उसे टैक्स से बाहर रख दें। ऐसे में फिर आपको टैक्स देना पड़ जाएगा।
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- वसीयत या विरासत के तहत मिली संपत्ति पर भी टैक्स नहीं लगता है। आयकर अधिनियम की धारा 10(20) के तहत परिभाषित स्थानीय प्राधिकरण से प्राप्त संपत्ति भी टैक्स के दायरे से बाहर होती है।
- धारा 10 (23सी) में संदर्भित किसी भी फंड, फाउंडेशन, विश्वविद्यालय, अन्य शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल या अन्य चिकित्सा संस्थान, किसी ट्रस्ट या संस्थान से प्राप्त संपत्ति पर टैक्स नहीं लगता है। इसके अलावा धारा 12एए के तहत पंजीकृत किसी ट्रस्ट या संस्था से प्राप्त संपत्ति पर भी टैक्स नहीं लगता है।
गिफ्ट के मामले में ये जरूर ध्यान रखे कि उसका विवरण जरूर संभाल कर रखें, ताकि कभी इनकम टैक्स से गिफ्ट के बारे में जानकारी मांगी जाए तो उसकी पूरी जानकारी उपलब्ध हो।