भारत के नागरिकों में निवेश को लेकर जागरूकता बढ़ी है। कोविड के बाद से लोग अधिक पैसों को बैंक में रखने के बजाय, उसे निवेश कर फायदा कमाने के बारे में सोच रहे हैं। निवेश के लिए लोगों के पास सरकारी स्कीम से लेकर म्युचुअल फंड, शेयर बाजार और अन्य कई विकल्प हैं, जिसे लोग अपने जोखिम और फायदे के हिसाब से चयन करते हैं।
अभी भी लोगों में निवेश की अच्छी आदत नहीं होने से नुकसान या पैसों की कमी महसूस होती है। निवेश का मतलब यह नहीं होता कि अधिक पैसों से ही निवेश शुरू किया जाए आप एक कम अमाउंट जैसे 500 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकते हैं। हालांकि आप जितना अधिक सेव करेंगे निवेश उतना ही अधिक होगा और निवेश पर फायदा भी अधिक मिलेगा।
इसलिए निवेश शुरू करने से पहले लोगों को कमाई के हिसाब से पैसों की सेविंग करनी चाहिए। पैसों की सेविंग करने के लिए आपको एक अच्छी आदत अपनानी चाहिए।
जिराफ के सह-संस्थापक सौरव घोष ने कहा कि आदतें हमें बहुत प्रभावित करती हैं, और यह नियम हमारे वित्तीय धन पर भी लागू होता है। अक्सर यह कहा जाता है कि अगर कोई आर्थिक रूप से अनुशासित नहीं है तो वह अपना निवेश खो सकते हैं, जबकि एक जानकार अनुशासित व्यक्ति केवल थोड़ी सी राशि के साथ धन को कई गुना बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि वित्तीय आदतें ऐसे स्मार्ट कार्य प्रयासों के परिणामों को बढ़ाती हैं।
निवेश की अच्छी आदत यह भी हो सकती है कि आप अपने खर्च को नोट कर लें और अनावश्यक खर्च को इस लिस्ट से हटा दें। जरूरी खर्च को छोड़कर अनवाश्यक खर्च से बचें, आप जितना कम खर्च करेंगे पैसों की सेविंग उतनी ही अधिक होगी और निवेश भी अधिक होगा।
इसके साथ ही एक यह भी तरीका हो सकता है कि अपना एक टारगेट बनाएं और उस टारगेट को प्राप्त करने के लिए यह तय करें कि आपको कितना बचत करना चाहिए। फिर उस बचत के हिसाब से योजना तैयार करें कि कैसे आप तय समय में इस बचत को पूरा कर सकते हैं और फिर उस योजना में निवेश करें, जो आपको टारगेट पूरा करने में मदद करता है।
एक्सपर्ट के अनुसार, आपको समय पर अपने वित्तीय लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए उचित माध्यम से जल्दी निवेश शुरू करने और सही निवेश के तरीकों का चयन करने की आवश्यकता है।