जिन लोगों ने पूरी जिंदगी प्राइवेट नौकरी की और नौकरी के दौरान कहीं निवेश का मौका नहीं मिला उन्हें रिटायरमेंट के बाद काफी दिक्कत और किल्लत का सामना करना पड़ा है। खासकर कोरोना के समय में जहां नौकरी पेशा वाले लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा है तो रिटायर्ड लोगों का हाल तो और भी बुरा रहा। ऐसे में आपको अपनी जवानी के दिनों से जब आप नौकरी कर रहे होते हैं तभी से ही अपने रिटायरमेंट फंड को तैयार करना शुरू कर दें।
आज हम आपको ऐसे ही तरीके बारे में बताने जा रहे हैं। सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी एक ऐसा तरीका है जिससे आप कम निवेश के बावजूद लंबी अवधि में करोड़ों रुपयों का फंड जमा कर सकते हैं। जिससे आपका रिटायरमेंट तो खुशहाल होगा ही। साथ ही आप अपने बच्चों को भी जरुरत के समय मदद कर सकेंगे। आइए आपको भी बताते हैं किे आखिर आप छोटी के साथ कैसे करोड़ों रुपयों का फंड तैयार कर सकते हैं।
25 साल की उम्र से ही कर दें शुरुआत : अगर आपकी नौकरी लग चुकी है और 25 साल की उम्र हैं तो रिटायरमेंट फंड को जुटाने की शुरुआत कर सकते हैं। ताकि रिटायरमेंट तक आपके इतना रुपया हो कि किसी सामने हाथ फैलाने की जरुरत ना पड़े। यानी 35 साल की लंबी अवधि का एसआईपी इंवेस्टमेंट करोड़ों रुपयों का फंड तैयार कर सकता है। वास्तव में लंबी अवधि के इंवेस्टमेंट में आपको कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है।
कितना मिलता है ब्साज से रिटर्न : लंबी अवधि की एसआईपी पर आपको ब्याज भी ज्यादा मिलता है। अगर आप 35 साल की लंबी अवधि के एसआईपी में निवेश करते हैं तो आपको 16 फीसदी तक रिटर्न हासिल हो सकता है। वास्तव में आप छोटी सी राशि जमा करने बावजूद आपको हर साल अपनी एसआईपी की राशि में 10 फीसदी बढ़ोतरी भी करनी चाहिए। ताकि उन्हें कंपाउंडिंग का भी फायदा मिल सके।
20 करोड़ के फंड के लिए कितना निवेश जरूरी : जानकारों के अनुसार, अगर आप 25 साल की वर्ष के हैं और आप रोज 500 रुपए यानी महीने के 15 हजार रुपए का निवेश करते हैं तो 10 फीसदी के वार्षिक स्टेप-अप के साथ 11 फीसदी के एनुअल रिटर्न के साथ 20.83 करोड़ रुपए का फंड जमा कर सकते हैं। स्टेप-अप एसआईपी के तहत शुरुआत में छोटी राशि से इंवेस्ट कर सकते हैं। जिसके बाद आप हर साल इसमें कुछ निश्चित राशि को बढ़ा सकते हैं। स्टेपअप एसआईपी के तहत अगर आप सालाना 10 फीसदी का इजाफा नहीं करते हैं तो सिर्फ 7.4 करोड़ रुपए का ही फंड जमा होगा। 20 करोड़ के लिए आपको स्टेपअप का सहारा लेना पड़ेगा।
