पब्लिक प्रोविडेंट फंड लंबी अवधि के लिए निवेश का एक बेहतर विकल्प है। PPF में आपका निवेश न केवल सुरक्षित रहता है, साथ में इसमें इनकम टैक्स में छूट का फायदा भी मिलता है। वहीं अगर इस निवेश में जोखिम की बात करें। तो निवेशकों को इस स्कीम में जोखिम न के बराबर होता है। अगर आप हर महीने छोटी-छोटी सेविंग करके बड़ा फंड जुटाना चाहते हैं। तो पब्लिक प्रॉविडेंट फंड स्कीम इसके लिए बेहतर विकल्प है। इसके साथ ही सरकार की ओर से पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर फिलहाल 7.1 प्रतिशत सालाना का ब्याज मिलता है। वहीं पब्लिक प्रोविडेंट फंड के मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है। अगर आपका भी पब्लिक प्रोविडेंट फंड मैच्योर होने वाला है। तो आप 3 विकल्प के जरिए इसमें पड़े फंड को यूज कर सकते हैं।

अकाउंट बंद करके निकाल सकते हैं पैसा – पब्लिक प्रोविडेंट फंड में मैच्योरिटी का समय 15 साल होता है। जिसमें मिलने वाला पूरा रिटर्न टैक्स फ्री होता है और इस अमाउंट को आप सीधे अपने अकाउंट मे जमा करा सकते हैं।

अगर आपके पब्लिक प्रोविडेंट फंड का मैच्योरिटी पीरियड पूरा हो गया है तो आप बैंक या पोस्ट ऑफिस में जहां आपका पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट है एक फॉर्म भरकर पूरा पैसा अपने बैंक आउंट में ट्रांसफर करा सकते हैं।

PPF फंड को 5 साल के आगे बढ़ा सकते हैं- अगर मैच्योरिटी के बाद आपको पैसों की ज्यादा जरूरत नहीं है। तो आप अपने पीपीएफ फंड को 5 साल के लिए आगे इन्वेस्ट कर सकते हैं। इसके लिए आपको मैच्योरिटी से एक साल पहले फॉर्म जमा करना होगा। इसके साथ ही इन 5 सालों में आप जरूरत पड़ने पर अपना पैसा निकाल भी सकते हैं।

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अकाउंट बढ़ाएं, निवेश नहीं – PPF अकाउंट मैच्योर होने के बाद डीएक्टिवेट नहीं होता। मतलब अकाउंट एक्टिव रहेगा और उस पर कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी। अगर आप पैसा निकालना नहीं चाहते या फिर नया निवेश (PPF investment) भी नहीं करना चाहते तो अपने PPF अकाउंट को मैच्योरिटी के बाद 5 सालों के लिए बढ़ा सकते हैं। इसके लिए आपको इन्वेस्टमेंट की जरूरत नहीं। साथ ही किसी पेपरवर्क की भी जरूरत नहीं है। अगले पांच साल तक आपको अपने अमाउंट पर ही ब्याज मिलता रहेगा।