पब्लिक प्रोविडेंट फंड या पीपीएफ एक रिटायरमेंट ओरिएंटिड केंद्र सरकार की स्मॉल सेविंग स्कीम है, जोकि 100 फीसदी रिस्क फ्री है। मौजूदा समय में पीपीएफ की ब्याज दर 7.1 फीसदी है, जो सबसे अधिक यील्ड देने वाले रिस्क फ्री इंवेस्टमेंट असेट्स में से एक है। अगर कोई कमाऊ व्यक्ति, सुरक्षित निवेश ऑप्शन की तलाश कर रहा है, जिससे वो इनकम टैक्स भी बचा सकता है और गारंटीड रिटर्न चाहता है तो पीपीएफ उसके सभी सवालों का जवाब है।
कोई भी भारतीय नागरिक पीपीएफ खाता खोल सकता है लेकिन एनआरआई और एचयूएफ को पीपीएफ खाता खोलने की अनुमति नहीं है। तो, उन पीपीएफ अकाउंट होल्डर्स का क्या होगा जिनकी नागरिकता पीपीएफ अकाउंट की मैच्योरिटी से पहले भारतीय से एनआरआई में बदल जाती है? आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पीपीएफ में इन परिस्थितियों के लिए क्या रूल रखा है।
अकाउंट के मैच्योर होने से पहले पीपीएफ अकाउंट होल्डर के विदेश जाने पर बोलते हुए जानकार कहते हैं कि अकाउंट मैच्योर होने से पहले विदेश जाने वाले पीपीएफ खाताधारक को अपने पीपीएफ खाते में निवेश जारी रखने की अनुमति है। खाताधारक 1.5 लाख रुपए का निवेश जारी रख सकता है।
किसी के पीपीएफ खाते में प्रति वर्ष और आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत दिए गए आयकर लाभ का दावा कर सकता है अगर अकाउंट होल्डर्स भारत में आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल कर रहा है। लेकिन एनआरआई को मैच्योरिटी अवधि के बाद अपने पीपीएफ अकाउंट को आगे बढाने की परमीशन नहीं मिलती है।
पीपीएफ अकाउंट होल्डर्स के लिए विस्तार लाभ पर बोलते हुए जानकार कहते हैं विदेश में जाने वाले पीपीएफ अकाउंट होल्डर्स को एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपए तक निवेश जारी रखने की अनुमति है, लेकिन उसे मैच्योरिटी बाद अपने पीपीएफ अकाउंट का विस्तार करने की अनुमति नहीं होगी। अगर पीपीएफ अकाउंट होल्डर फिर से वापस आते हैं और पीपीएफ अकाउंट की मैच्योरिटी की समाप्ति से पहले भारतीय नागरिक बन जाते हैं, तो उस स्थिति में उन्हें अपने पीपीएफ अकाउंट का विस्तार करने की अनुमति दी जाएगी।
वास्तव में, यदि पीपीएफ अकाउंट होल्डर्स ने पीपीएफ खाते का विस्तार किया है। और फिर उसकी नागरिकता एक भारतीय से एनआरआई में बदल जाती है, तो उस स्थिति में भी, पीपीएफ खाताधारक पीपीएफ खाते की मैच्योरिटी पीरियड तक निवेश जारी रख सकता है।

