बैंक या फाइनेंशियल संस्थान सैलरी अकाउंट के आधार पर लोगों को पर्सनल लोन मुहैया कराती है। बहुत सी बैंक तो ऑनलाइन तरीके से भी पर्सनल लोन देती है। लेकिन पर्सनल लोन में वसूले जानी वाली ब्याज दर काफी ऊंची होती है। फिर भी ये पर्सनल लोन दूसरे लोन की अपेक्षा जल्दी मिल जाता है इसलिए बहुत से लोग अपने जरूरी कामों को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन लेना पसंद करते हैं। इसमें से बड़ी संख्या में पर्सनल लोन को समय से पहले चुका देते है जिसका सीधा असर उनके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है। आइए जानते हैं समय से पहले पर्सनल लोन चुकाने पर क्रेडिट स्कोर पर नेगेटिव या पॉजिव असर होता है।
पर्सनल या दूसरे लोन में क्रेडिट स्कोर है महत्वपूर्ण- किसी भी तरह का लोन लेने में आपका क्रेडिट स्कोर काफी मायने रखता है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर 700 से कम होगा तो कोई भी बैंक गारंट के होने के बाद भी आपको पर्सनल या दूसरे किसी तरह का लोन नहीं देगा। वहीं अगर आपने भी पर्सनल लोन लिया हुआ है तो इसे दो तरीके से क्लाेज कर सकते हैं।
रेगुलर क्लोजर – इस तरीके में आप अपने पर्सनल लोन को तय समय पर चुकता करते हैं और हर महीने एक सीमित ईएमआई का भुगतान करते रहते हैं। इस तरीके से आपके क्रेडिट स्कोर पर नेगेटिव असर नहीं होता। बल्कि पॉजिव असर होता है।
प्री-क्लोजर – पर्सनल लोन की अवधि से पहले ही कस्टमर अगर पूरा पेमेंट कर देता है तो इसे प्री-क्लोजर कहते हैं। अलग-अलग बैंक का लॉइन पीरियड अलग-अलग होता हैं, जिसमें पहले लोन को क्लोज करने पर अतिरिक्त शुल्क देना होता है। इसके साथ ही बहुत से बैंक कोई शुल्क चार्ज भी नहीं करते।
प्री-क्लोजर पर लगता है इतना फाइन – कई बैंक पर्सनल लोन के प्रीमेंट पर कोई शुल्क नहीं लेते। वहीं कुछ प्राइवेट और सरकारी बैंक प्रीपेमेंट पर शुल्क लेते हैं जो कि, 2 से 5 प्रतिशत तक हो सकता है। अगर आप भी प्रीमेंट या रेगुलर क्लोजर के जरिए अपने पर्सनल लोन का सेटेलमेंट कर रहे हैं तो इससे आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होगा। इसलिए जब भी पर्सनल लोन ले उससे पहले प्रीमेंट के नियम और शर्तों को जरूर पढ़ें।
