नौकरी पेशा और अन्य लोगों को भविष्य में लाभ देने के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम की शुरुआत केंद्र सरकार की ओर से की गई थी। यह सिंगल निवेश में इक्विटी और लोन रिस्क दोनों का लाभ देती है। लोन और इक्विटी एक्सपोजर के संबंध में एनपीएस खाताधारकों को लचीलापन देती है। यह पेंशन योजना सेवानिवृत्ति के बाद मासिक पेंशन का भी दावा करती है।
सेबी रजिस्टर्ड कर और निवेश विशेषज्ञ जितेंद्र सोलंकी ने कहा कि हाल ही में भारत सरकार ने पेंशन फंड में एफडीआई सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दी है। इसने पीएफआरडीए के प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया है। पेंशन फंड को आईपीओ में भी निवेश करने की अनुमति मांगी है। NPS लोगों के बीच एक लोकप्रिय निवेश योजना है।
अगर आप भी कम जोखिम के साथ पेंशन योजना के तहत बड़ा लाभ पाना चाहते हैं तो आपके लिए यहां 5 वजह बताई गई है, जो आपको खरीदने से पहले जान लेनी चाहिए। KFintech के अजीत कुमार ने इन पांच चीजों के बारे में जानकारी दी है।
निवेश की स्वतंत्रता: आप वर्ष के किसी भी समय एक बार योगदान कर सकते हैं, या आप हर महीने ऐसा कर सकते हैं। टियर 1 और टियर 2 खातों के लिए प्रति वर्ष आवश्यक न्यूनतम योगदान क्रमशः 500 रुपए और 1000 रुपए है। आप अपनी निवेश राशियों को तब तक बदल सकते हैं, जब तक कि वे निर्धारित न्यूनतम राशियों से अधिक है।
विश्वास की योजना: NPS एक ऐसा पेंशन प्लान है, जिसमें नौकरी बदलने पर कोई बदलाव नहीं मिलता है। सरकार समर्थित योजना होने के नाते, एनपीएस के साथ विश्वास का एक तत्व जुड़ा हुआ है, जो इसे और अधिक आकर्षक बनाता है। यह योजना PFRDA द्वारा निगरानी और विनियमन के साथ, संपूर्ण सेटअप बहुत पारदर्शी है और आपको लगातार अपने निवेश के प्रदर्शन की निगरानी और समीक्षा करने की अनुमति देता है। एनपीएस 6-8 महीनों के भीतर एक नया उत्पाद लॉन्च करने की भी योजना बना रहा है, जो आपको एक गारंटीड रिटर्न दे सकता है।
फंड मैनेजर चुनने की स्वतंत्रता: निवेश शुरू करने के बाद, आप यह भी चुन सकते हैं कि आपका पैसा कहां निवेश किया गया है और इसे कौन प्रबंधित करता है। अगर आप फंड मैनेजर से नाखुश हैं, तो आप उन्हें साल में एक बार बदल सकते हैं। इसके साथ ही आप साल में दो बार निवेश विकल्पों के बीच स्विच कर सकते हैं।
आयकर लाभ: एनपीएस में निवेश करने से आपको कई कैटेगरी के तहत 2 लाख रुपए तक का टैक्स लाभ मिल सकता है। हालाकि, यह सच है कि आप अपनी वार्षिकी से जो मासिक पेंशन कमाते हैं, वह कर योग्य है, लेकिन अन्य पेंशन योजनाओं के साथ भी इसी तरह की समस्याएं मौजूद हैं। उदाहरण के लिए, ईपीएफ के साथ, एक बार जब आप अपना अंतिम निपटान प्राप्त कर लेते हैं, तो आपको इसे कहीं और निवेश करना होगा और रिटर्न पर भी टैक्स लागू होगा।
मंथली इनकम का वादा: आपकी सेवानिवृत्ति के बाद, आप अपने कुल कोष का 60 प्रतिशत एकमुश्त के रूप में निकाल सकते हैं, अन्य 40 प्रतिशत का उपयोग वार्षिकी योजना के लिए किया जा सकता है। सेवानिवृत्ति के बाद निकाली गई एकमुश्त राशि भी कर-मुक्त है। हालांकि एनपीएस आपके निवेश पर किसी भी प्रतिशत रिटर्न की गारंटी नहीं देता है, लेकिन यह गारंटी देता है कि बाद में समय पर पेंशन मिलेगी।