यदि आप अपने द्वारा चुने गए शेयरों के बारे में आश्वस्त हैं, तो आप कुछ शेयरों में समय के साथ निवेश कर सकते हैं, जैसा कि आप हर महने म्यूचुअल फंड के लिए करते हैं। आइए समझने का प्रयास करते हैं। यदि आप सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के माध्यम से किसी विशेष योजना के इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, तो आप उसी तरह से सीधे कुछ अच्छी गुणवत्ता वाले शेयरों में भी पैसा लगा सकते हैं, जिनमें बढ़ने की संभावना है। संक्षेप में, आप हर महीने शेयरों की एक छोटी राशि खरीद सकते हैं, जैसे आप शेयर खरीदते हैं।

वास्‍तव में शेयर बाजार में कुछ ऐसे भी शेयर हैं, जिनपर एसआईपी के थ्रू इंवेस्‍ट करने पर आपको अच्‍छा रिटर्न मिलता है। जानकारों की मानें तो इक्‍विटी में एसआईपी करना उतना ही आसान हैं , जैसे आप म्‍यूचुअल फंड तमें करते हैं या फ‍िर शेयर बाजार में निवेश करते हैं। इसलिए आपके पास म्‍यूचुअल फंड एसआईपी के अलावा इक्‍विटी एसआईपी भी काफी ऑप्‍शन बन गया है। आइए आपको इसके बारे में विस्‍तार से बताते हैं।

कोल इंडिया में एसआईपी : शेयर बाजार में कोल इंडिया एक ऐसा शेयर है जिसमें आप एसआईपी के थ्रू निवेश कर सकते हैं। इसका कारण हैं कंपनी की ओर से निवेशकों को दिए जाने वाला डिविडेंड, जो शेयरधारकों को प्रति शेयर पर मिलता है। डिविडेंड यील्ड की वजह से डाउनसाइड रिस्क बहुत कम है। पिछले साल कंपनी ने 12.5 रुपए का लाभांश घोषित किया था, जो 146 रुपए के मौजूदा बाजार मूल्य पर 8.16 फीसदी है। इसका मतलब है कि आपको ड‍िविडेंड बैंक जमा ब्याज दरों से काफी बेहतर है। एक ठोस लाभांश भुगतान मिलने के कारण आपका रिस्‍क काफी कम हो जाता है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज में एसआईपी निवेश : यदि आप किसी कंपनी की ग्रोथ को लेकर पूरी तरह से तो आप उसी तरह छोटी मात्रा में निवेश कर सकते हैं, जैसे आप करते हैं और हर महीने रिलायंस इंडस्ट्रीज का स्टॉक खरीदते हैं। ज्यादातर ब्रोकरेज आरआईएल के शेयर को लेकर काफी अच्‍छा रिस्‍पांस दिखा रहे हैं। इसका कारण बताते हुए जानकार कहते हैं कि अगले 5 साल में कंपनी में अच्‍छी ग्रोथ की संभावना है। हाल ही में ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने इस शेयर को खरीदने की सलाह दी है। आप हर महीने इस स्‍टॉक को व्यवस्थित रूप से खरीद सकते हैं और अगर आपको लगता है कि कीमत बढ़ गई है, तो आप रुक सकते हैं और अन्य शेयरों को देख सकते हैं जो ब्रोकरेज हाइलाइट कर रहे हैं।

स्टॉक में एसआईपी क्‍यों करनी चाहिए : शेयरों में एसआईपी के बारे में एक अच्छी बात यह है कि अगर कीमत गिरती है, तो आप हर महीने औसत लागत पर फिर से खरीद सकते हैं। इसका मतलब है कि म्युचुअल फंड की तरह ही बाजार में उतार-चढ़ाव के जोखिम को कम किया जाता है क्योंकि औसत का कानून लागू होता है। उपरोक्त दो शेयरों में, एक में ग्रोथ स्‍टोरी है और दूसरा लाभांश की कहानी है, जहां आपका एसआईपी अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकता है।