चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के अनुसार आयकर विभाग के बहुप्रचारित नए ई–फाइलिंग पोर्टल के लाइव होने के एक हफ्ते बाद, यूजर्स को सामान्य लॉगिन करने में ज्यादा समय और तकनीकी गड़बड़ियों का सामना करना पड़ रहा है। नोटिस का जवाब देने में असमर्थता और कई सुविधाएं ऐसी हैं जो अभी तक काम नहीं कर रही हैं। नया पोर्टल, “https://www.incometax.gov.in/”, http://www.incometax.gov.in, पिछले सोमवार (7 जून) को लॉन्च किया गया था। सरकार ने दवा किया था कि नए पोर्टल को सामान्य टैक्सपेयर्स के लिए ज्यादा अनुकूल होगा।
जब पहले दिन यूजर्स ने पोटर्ल का इस्तेमाल किया तो उन्होंने साइट पर आने वाली तकनीकी समस्याओं की शिकायत की थी। शिकायत करने के एक सप्ताह के बाद भी अभी तक तकनीकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है। चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के अनुसार टैक्सपेयर्स पिछला ई–फाइल किया गया रिटर्न नहीं देख पा रहे हैं। वहीं कुछ सुविधाओं को क्लिक करने के पर ‘कमिंग सून‘ दिखाई दे रहे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद पोर्टल बनाने वाली कंपनी और उसके अध्यक्ष नंदन नीलेकणि से तकनीकी गड़बड़ियों को ठीक करने के लिए कहा था।
आयकर विभाग के नए टैक्स फाइलिंग पोर्टल के लांच के एक दिन बाद, सोशल मीडिया यूजर्स ने वित्त मंत्री को नए ई–फाइलिंग पोर्टल में गड़बड़ियों के बारे में बताया था। उसके बाद, सीतारमण ने ट्विटर का सहारा लिया और इंफोसिस और उसके अध्यक्ष को समस्या को ठीक करने के लिए कहा। नीलेकणि ने ट्वीट का जवाब देते हुए कहा था कि इन्फोसिस खामियों को दूर करने के लिए काम कर रही है। इंफोसिस को नेक्स्ट जेनरेशनल के आयकर फाइलिंग सिस्टम को विकसित करने के लिए 63 दिनों से एक दिन के लिए प्रोसेसिंग टाइम कम करने और रिफंड में तेजी लाने के लिए 2019 में सम्मानित किया गया था।
नांगिया एंड कंपनी एलएलपी पार्टनर शैलेश कुमार ने कहा कि पोर्टल में लॉग इन करने से लेकर महत्वपूर्ण सुविधाओं जैसे “ई–प्रोसीडिंग्स” टैब उपलब्ध ना होने के साथ “जल्द ही आ रहा है” जैसे मैसेज दिखाई दे रहे हैं। जिसकी वजह से टैक्सपेयर्स और टैक्स प्रोफेशनल्स को चिंता हो रही है कि आखिर वो किस तरह से अपने टैक्स और रिटर्न जैसी कार्रवाई को कर पाएंगे। टैक्सपेयर्स के सामने इस तरह की खामियां नियंत्रण से बाहर है जिनकी वजह से उन्हें फाइन लगने जैसी दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
शैलेष कुमार के अनुसार करदाताओं को विदेशों में धन भेजने के लिए एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वे फॉर्म 15 सीए / सीबी जारी करने में असमर्थ हैं। लाइव होने के एक सप्ताह के बाद भी यह सभी मामूली गड़बड़ियां नहीं हैं और तत्काल ठीक करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नया आईटी पोर्टल उपयोगकर्ता के अनुकूल होने के बजाय वर्तमान में एक बुरा सपना बन रहा है, क्योंकि एक सप्ताह के शुरू होने के बाद भी करदाताओं को शुरुआती गड़बड़ियों का सामना करना पड़ रहा है।
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन अनुसार पिछले सप्ताह से पोर्टल पर अक्सर जिन सामान्य मुद्दों का सामना करना पड़ता है, उनमें लॉगिन में 10-15 मिनट का समय लग रहा है, मूल्यांकन नोटिस के जवाब दाखिल करने में असमर्थ हैं, पिछले फाइलिंग से संबंधित डेटा पोर्टल पर दिखाई नहीं दे रहा है, ई–कार्यवाही मॉड्यूल पूरी तरह कार्यात्मक नहीं जैसे जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। मोहन के अनुसार नए आयकर पोर्टल को जल्द से जल्द ठीक करने की जरूरत है, कई त्रुटियां और गड़बड़ियां करदाताओं और कर पेशेवरों के लिए असुविधा पैदा कर रही हैं।