हाल ही में पंजाब में राजनितिक गतिविधियां काफी तेजी से बदली हैं। इस बदलाव के तहत कांग्रेस के नेता नवजोत सिद्धु को पंजाब कांग्रेस का प्रमुख बनाया गया है। क्रिकेट की दुनिया में काम कमाने वाले सिद्धु वैसे कमाई के काफी जरिए हैं। उन्होंने कई कंपनियों के बांड में निवेश किया हुआ है। वहीं उन्होंने पोस्ट ऑफिस की पब्लिक प्रोविडेंड फंड में निवेश किया हुआ है। जिसमें आप भी निवेश कर सकते हैं।
वास्तव में पब्लिक प्रोविडेंट फंड लांग टर्म में बेहतर निवेश करने का बेहतरीन जरिया है। जिसमें आप 7 फीसदी का सालाना रिटर्न पा सकते हैं। आपकी छोटी सी निवेश राशि लांग बड़ी रकम के रूप में परिवर्तित कर सकते हैं।आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर नवजोत सिंह सिद्धु ने पीपीएफ में कितना निवेश किया है और आप इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं। साथ ही इस स्कीम की खासियत क्या है।
नवजोत सिंह सिद्धु ने पीपीएफ में कितना किया है निवेश : नवजोत सिंह सिद्धु ने 2017 पंजाब विधानसभा चुनाव में अमृतसर सिट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। उस दौरान उन्होंने चुनाव आयोग को अपना एफिडेविट दिया था। जिसमें उन्होंने अपनी कमाई और सोर्स के बारे में जिक्र किेया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि 3,75,057 रुपए पीपीएफ में निवेश किया है। अब आप पीपीएफ की पापुलैरिटी के बारे में अंदाजा लगा सकते हैं कि देश के बड़े-बड़े नेता अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पीपीएफ में निवेश करते हैं।
पीपीएफ में निवेश कर आप भी बन सकते हैं करोड़पति : पीपीएफ में निवेश कर आप भी करोड़पति बन सकते हैं। इस योजना में आप मंथली निवेश 12500 रुपए है। यानी सालाना अधिकतम निवेश 1.50 लाख रुपए है। जिसमें आपको 7.1 फीसदी का सालाना ब्याज मिलता है। अगर आप 25 साल तक लगातार निवेश करते हैं तो आपकी कुल जमा राशि 37.50 लाख रुपए होगी। वहीं 7.1 फीसदी के हिसाब से आपको मिलने वाली ब्याज की रकम 65,58,015 रुपए हो जाएगी। याली आपको 25 साल के बाद कुल रकत 1.03 करोड़ रुपए हो जाएगी।
क्यों फायदेमंद हैं पीपीएफ में निवेश : अब आपको बताते हैं कि आखिर पीपीएफ में निवेश बाकी निवेश से बेहतर क्यों है। वास्तव में बैंक सेविंग अकाउंट से लेकर एफडी में लगातार ब्याजदर कम हो रही है। अधिकतर बैंक सेविंग अकाउंट पर 3.5 फीसदी का सालाना रिटर्न दे रहे हैं। वहीं एफडी में सालाना ब्याजदर अधिकतम 6.5 फीसदी है। जोकि पीपीएफ से कम है। वहीं दूसरी ओर मौजूदा अनिश्चितता के दौर में कैपिटल मार्केट में आपका निवेश डूबने का खतरा बना हुआ है। वहीं दूसरी ओर इक्विटी मार्केट में भी निवेश के डूबने का खतरा बना हुआ है।

