फिक्‍स्‍ड डिपोजिट पर ब्याज दरें 4-5 फीसदी के साथ रिकॉर्ड निचले स्तर पर गिरी हुई हैं। जिसकी वजह से कई निवेशक म्यूचुअल फंड की डेट योजनाओं को एक बेहतर विकल्‍प के रूप में देख रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार मई में बैंक डिपोजिट की ग्रोथ रेट साल दर साल के आधार पर 9.7 फीसदी हो गई है। जबकि पिछली विकास दर लगभग 10-11 फीसदी थी। अगर बात फ‍िक्‍स्‍ड डिपोजिट की करें तो साल दर साल के आधार पर अप्रैल 2021 में जो वृद्धि 9.5 फीसदी थी वो मई में गिरकर 8.9 फीसदी हो गई।

विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार एफडी ब्याज दर में और गिरावट की संभावना नहीं है। वहीं दूसरी ओर म्यूचुअल फंड में अप्रैल और मई 2021 में फंड इंफ्लो में वृद्धि निवेशकों के पॉजिटिव रिस्‍पांस की ओर इशारा कर रही है। मई 2021 में डेट फंड ने लगभग 5,37,000 करोड़ रुपए जुटाए थे, जबकि अप्रैल में 6,14,700 करोड़ रुपए की गिरावट देखने को मिली थी। केयर रेटिंग्स की अप्रैल 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल डेट फंड में पिछले साल की तुलना में 1.3 गुना अधिक इंफ्लो देखने को मिला है।

कुल डिपोजिट में फिक्‍स्‍ड डिपोजिट की हिस्‍सेदारी 88.8 फीसदी है, जो पिछले वर्ष (मई 2020) के 89.5 फीसदी थी। अप्रैलमई 2021 के बीच बैंक जमा में 32,000 करोड़ रुपए जोड़े गए, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 1.2 ट्रिलियन रुपए था। हालांकि आंकड़े बहुत उत्साहजनक नहीं हो सकते हैं, फिर भी आप अपने शॉर्टटर्म फंड्स को प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों या शॉर्टटर्म डेट फंड्स के फिक्‍स्‍ड डिपोजिट में समझदारी से निवेश करके अच्‍छे रिटर्न हासिल करने में कामयाब हो सकते हैं।

वर्तमान में बैंक एफडी कम ब्याज दर ऑफर कर रहे हैं। इससे बेहतर है कि आप उन फाइनेंश‍ियल कंपनियों की एफडी को चूज कर सकते हैं जो ज्‍यादा ब्‍याज देती हैं। उसके बाद ब्‍याज से मिलने वाले रुपयों को आप फ‍िर से निवेश करेंगे तो आपका संचयी रिटर्न कई गुना बढ़ जाएगा। वहीं एफडी की मैच्‍योरिटी से पहले निकासी बड़ा पाप माना जाता है। उदाहरण से समझने की कोश‍िश करें तो एसबीआई वर्तमान में एक साल की एफडीर पर 5 फीसदी का ब्‍याज देता है। अगर मैच्‍योरिटी डेट से एक दिन पहले भी आप अपना रुपया निकालते हैं तो वो ब्‍याज घटकर 4.40 फीसदी हो जाएगा।

जब बैंक एफडी और डेट म्यूचुअल फंड के बीच तुलना करने की बात आती है, तो यह याद रखना चाहिए कि जोखिम के मामले में, बैंक एफडी 100 फीसदी सुरक्षित हैं, जबकि डेट म्यूचुअल फंड, हालांकि इक्विटी मुकाबले कम, फिर भी जोखिम उठाते हैं। जानकारों की मानें तो एफडी और डेट म्यूचुअल फंड दोनों में कोई तुलना नहीं है। हालांकि डेट फंड एक हाई रिटर्न प्रदान करते हैं और कम समय के निवेश के लिए विचार किया जा सकता है।