प्रत्येक कर्मचारी जो ईपीएफओ का मेंबर है और जिसका प्रत्येक महीने में प्रोविडेंट फंड कटता है उसे एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर भी मिलता है। यह नंबर 12 डिजिट का होता है। जिसे ईपीएफओ की ओर से जारी किया जाता है। अगर आप नौकरी भी बदल लेते हैं तो यूएएन नंबर नहीं बदलता है। नौकरी बदलने पर आपको ईपीएफओ की ओर से इंप्लॉई को नया आईडी नंबर दिया जाता है, लेकिन यूनिवर्सल अकाउंट नंबर कभी चेंज नहीं होता है। प्रत्येक संस्थान का आइडेंटिफिकेशन नंबर अलग-अलग होता है। ऐसे में जब आप नौकरी बदलते हैं तो नया इंप्लॉयर आपसे आपका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर मांगता है।
नौकरी बदलने के बाद नए ऑर्गनाइजेशन को अपना पुराना यूनिवर्सल अकाउंट नंबर बताना पड़ता है और बताना भी चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो ऐसे में कर्मचारी को नया यूनिवर्सल अकाउंट नंबर दिया जाता है। अगर आपके साथ भी दो यूएएन की समस्या है तो इसे हल काफी जस्री है। क्योंकि इससे पुराने संस्थान का प्रोविडेंट फंड का रुपया आपके अकाउंट में नहीं जुड़ेगा। साथ ही आपको पेंशन का भी लाभ नहीं मिल सकेगा।
लीगल नहीं है दो यूएएन : प्रोविडेंट फंड के नियमों के अनुसार किसी कर्मचारी के पास दो यूनिवर्सल नंबर है तो वो लीगल नहीं है। ऐसे में पुराने अकाउंट को बंद करना काफी जरूरी है। जिसके लिए आपको आपको पुराने फंड को नए यूएएन नंबर में ट्रांसफकर कराना काफी जरूरी है। अगर दो अलग यूएएन नंबर को मर्ज करना काफा आसान हो गया है। इसे आप घर में बैठकर आराम से ऑनलाइन कर सकते हैं।
इस तरह से कर सकते हैं मर्ज : – सबसे पहले आपको ईपीएफओ की वेबसाइट पर जाना होगा।
– लॉगिन करने के बाद ऑनलाइन सर्विस में क्लेम ऑप्शन पर जाना होगा।
– ‘Request for Transfer of account’ वाले ऑप्शन को सिलेक्ट करना होगा।
– प्रोसेस पूरा होने के बाद आपका यह काम हो जाएगा।
– दूसरा प्रोसेस यह है कि uanepf@epfindia.gov.in पर मेल करें और दोनों यूएएन की जानकारी दे। यह प्रोसेस थोड़ा डिफिकल्ट है।