महंगाई के दौर में घर बनाना या खरीदना काफी मुश्किल वाला काम हो गया है। बड़े शहरों में तो अब अपार्टमेंट का चलन शुरू हो गया है। जहां बिल्डर फ्लैट बनाकर लोगों को सेल करते हैं। वहीं अभी भी छोटे शहरों में लोग जमीन खरीद कर अपनी जरूरत के हिसाब से घर का निर्माण करते हैं। इन दोनों ही तरीकों से घर तैयार करने में जीवन भर की जमापूंजी लग जाती है। ऐसे में घर और उसमें रखें निजि समान की रक्षा के लिए आपको होम इंश्योरेंस जरूर कराना चाहिए। क्योंकि कई बार दुर्घटना के चलते लोगों को बड़ा नुकसान हो जाता है।

होम लोन में कंप्रिहेंसिव पॉलिसी का करें चुनाव – घर और उसमें रखें सामान के लिए लोग अलग-अलग बीमा कराते हैं। लेकिन कुछ इंश्योरेंस कंपनी घर और उसमें रखें सामान के लिए कंप्रिहेंसिव पॉलिसी उपलब्ध कराती हैं। जिसमें आपको सभी तरह के नुकसान जैसे आग, डकैती, आतंकी हमला जैसे दुर्घटना के लिए कवर मिलता है।

क्लेम करने में बरतें सावधानी – नुकसान की भरपाई के लिए क्लेम करना एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही, बिलिंग की प्रक्रिया को आसान और खामियों से मुक्त बनाने के कई तरीके हैं। इस दिशा में पहला कदम सभी संपत्ति दस्तावेजों, डेटा का उचित रिकॉर्ड रखना और सभी महत्वपूर्ण रसीदों व दस्तावेजों को सुरक्षित रूप से रखना है। साथ ही अपने घर के सभी सामानों की एक लिस्ट बनाकर रखें। आप आइटम को डिजिटल रूप से ट्रैक करने के लिए ऐप या वेबसाइट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

क्लेम फाइल करते समय, सुनिश्चित करें कि आपके पास घर के सामानों के बारे में पूरी जानकारी है और इसे आप साझा करने के लिए तैयार हैं। क्लेम्स की रिपोर्टिंग के लिए बीमा कंपनियों में अलग-अलग समय सीमा होती है। आपको तय समय सीमा के भीतर क्लेम फाइल कर लेना चाहिए। अपनी पॉलिसी से संबिधित नियमों और महत्वपूर्ण अपडेट की रेगुलर जांच करें। आपके घर में और यहां तक कि आपके पड़ोस में भी बदलाव आपके बीमा प्रीमियम को बढ़ा या घटा सकते हैं।

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सही पॉलिसी का कैसे करें चुनाव – होम इंश्योरेंस कराते समय सबसे जरूरी बता ये है कि, दो या तीन इंश्योरेंस कंपनी के इंश्योरेंस प्लान की जरूरत तुलना करें। इसके साथ ही इंश्योरेंस कंपनी के एजेंट से सभी बिन्दुओं पर जानकारी लेकर ही अन्तिम निर्णय करें।