केंद्र की मोदी सरकार की ओर से देश के करोड़ों अकाउंट होल्डर्स के अकाउंट में रकम आ सकती है। सरकार ने सितंबर तिमाही के लिए जलरल प्रोविडेंट फंड की नई ब्याज दरों का ऐलान कर दिया है। सितंबर तिमाही में सरकार ने जीपीएफ की ब्याज दरों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। पिछली तिमाही की तरह इस तिमाही में भी जीपीएफ की ब्याज दरें 7.1 फीसदी ही रहेंगी।
इससे पहले आखिरी बार जीपीएफ की ब्याज दरों में आखिरी बार बदलाव अप्रैल 2020 में किया गया था। उस वक्त जीपीएफ की ब्याज दरों में 80 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई थी। जिसकी वजह से ब्याज दरें 7.90 फीसदी से 7.10 फीसदी रह गई थी। उसके बाद से अब तक कोरोना के इस संकट के दौर में जीपीएफ की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को स्थिर रखने का ऐलान किया गया था।
लगातार छठी बार कोई बदलाव नहीं : जीपीएफ में भी पीपीएफ और पीएफ की तरह की मुनाफा मिलता है। लगातार छठी तिमाही में सरकार की ओर से जीपीएफ की ब्याज दरों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। इससे पहले जून तिमाही में जीपीएफ पर 7.1 फीसदी की ब्याज दर का ही ऐलान किया गया थास। आपको बता दें कि अप्रैल 2020 में केंद्र सरकार ने जीपीएफ की ब्याज दर 7.9 फीसदी से कम कर 7.1 फीसदी कर दी थी।
इन योजनाओं पर लागू होती हैं जीपीएफ की ब्याज दरें : जनरल प्रोविडेंट फंड फॉर सेंट्रल सर्विसेज, कॉन्ट्रिब्यूटरी प्रोविडेंट फंड, ऑल इंडिया सर्विसेज प्रोविडेंट फंड, स्टेट रेलवे प्रोविडेंट फंड, इंडिया नेवल डॉकयार्ड वर्कमैन प्रोविडेंट फंड, डिफेंस सर्विसेज ऑफिसर्स प्रोविडेंट फंड, द आर्म्ड फोर्सेस पर्सनल प्रोविडेंट फंड, जनरल प्रोविडेंट फंड फॉर डिफेंस सर्विसेज, इंडियन ऑर्डनेंस डिपार्टमेंट प्रोविडेंट फंड और इंडिया ऑर्डनेंस फैक्टरीज वर्कमैन प्रोविडेंट फंड।
किसे कहते जीपीएफ : जीपीएफ भी एक दूसरे तरह का प्रोविडेंट फंड अकाउंट है। जिसे खास तरह के कर्मचारियों के लिए तैयार किया गया है। जीपीएफ का लाभ सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है। इसका फायदा रिटायरमेंट के दौरान दिया जाता है। इसका फायदा लेने के लिए कर्मचारियों को अपनी सैलरी से कुछ रुपया जीपीएफ में डालना होता है। वहीं कुछ कर्मचारियों के लिए जीपीएफ अनिवार्य किया गया है।