कोरोना काल में पेंशन स्‍कीम्‍स की महत्‍वता का इजाफा हुआ है। इसका कारण भी है। वो यह कि ऐसी किसी परिस्थित‍ि‍ में आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। इसी को देखते हुए लोगों में अपने भविष्‍य को बचाने की चिंता काफी बढ़ गई है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से जारी आंकड़ों से साफ पता चलता है कि लोगों में अपने फ्यूचर को सेफ करने की कितनी चिंता है।

पीएफआरडीए के आंकड़ों के अनुसार बीते एक साल में पेंशन स्‍कीम लेने वालों की संख्‍या में 24 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। खासकर नेशनल पेंशन स्‍कीम और अटल पेंशन स्‍कीम जैसी सरकारी योजनाओं में लोगों का आकर्षण बढ़ा है। आइए आपको भी बताते हैं क‍ि आख‍िर पीएफआरडीए की ओर से किस तरह का डाटा शेयर किया गया है।

पेंशन योजनाओं में कितना हुआ इजाफा : पीएफआरडीए की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार जून के अंत में दो प्रमुख पेंशन योजनाओं के तहत पेंशन स्‍कीम को लेने वालों की संख्‍या में 24 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। जिसके बाद पेंशन बेस 4.35 करोड़ से ज्‍यादा हो गया है। पीएफआरडीए ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत विभिन्न योजनाओं में ग्राहकों की संख्या जून 2021 के अंत तक बढ़कर 435.36 लाख हो गई है, जो जून 2020 में 350.99 लाख थी। सरकार की दो प्रमुख पेंशन योजनाएं एपीवाई और एनपीएस हैं।

एपीवाई में कितना इजाफा : आंकड़ों के अनुसार अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत ग्राहकों की संख्या 30 जून तक एक साल में कस्‍टमर्स की संख्‍या में 33.95 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है। जिसके बाद कुल सब्‍सक्राइबर्स की संख्‍या 288.60 लाख हो गई है। पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण यानी पीएफआरडीए ने कहा कि 30 जून को प्रबंधन के तहत कुल पेंशन संपत्ति 6,16,517 करोड़ रुपए हो गई है। इसमें एक साल में सालाना 32.67 फीसदी का इजाफा हो चुका है।

क्‍या है एपीवाई और एनपीएस स्‍कीम : एपीवाई मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को लक्षित करता है, सेवानिवृत्ति पर प्रति माह 1,000-5,000 रुपये से पेंशन के पांच स्लैब प्रदान करता है। एनपीएस सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ कॉर्पोरेट और असंगठित क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए एक स्वैच्छिक परिभाषित योगदान सेवानिवृत्ति बचत योजना है।