रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank Of India) ने बैंक लॉकर (Bank Locker) को लेकर नए नियम बनाए हैं। ये नियम आने वाले नए साल की पहली तारीख (1 जनवरी 2023) से लागू हो जाएंगे। RBI के नए नियमों के अनुसार अब बैंक, लॉकर के मामले में अपनी मर्जी से फैसला नहीं ले पायेंगे। नए नियम के अनुसार अगर अब बैंक की गलती के कारण ग्राहक के सामान को कोई नुकसान होता है, तो बैंक को मुआवजा देना होगा।
ग्राहकों को समझौते पर करना होगा हस्ताक्षर
बता दें कि 1 जनवरी से लागू नियमों के लिए सबसे पहले ग्राहक को बैंक के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करना होगा। बैंक आईबीए द्वारा तैयार किए गए मॉडल लॉकर समझौते का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं। साथ ही इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करना चाहिए। नए नियम को लेकर भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) समेत देश के अन्य बैंक अपने ग्राहकों को यह जानकारी दे रहे हैं।
जानिए क्या है नए नियम:
- RBI की ओर से जारी नए नियमों के अनुसार यदि किसी ग्राहक को बैंक के कारण ग्राहक को नुकसान होता है तो ऐसी स्थिति में बैंक शर्तों का हवाला देकर मुकर नहीं सकता। बैंक को नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देना होगा।
- ये बैंक की जिम्मेदारी है कि वह सुनिश्चित करे कि उनके द्वारा कराए गए लॉकर एग्रीमेंट में कोई अनुचित शर्त शामिल न हो, जिससे ग्राहक को नुकसान होने की स्थिति में उसका कारण बताकर बैंक आसानी से किनारा कर सके।
- RBI के नए नियम के अनुसार अब बैंकों के पास लॉकर के लिए ग्राहक से एकमुश्त अधिकतम 3 साल का किराया लेने का अधिकार होगा।
- RBI के नए नियमों के अनुसार सभी बैंकों को खाली लॉकरों की लिस्ट और वेटिंग लिस्ट अपने ग्राहकों को दिखानी होगी। साथ ही बैंक को संबंधित परिसर की सुरक्षा के लिए सभी प्रभावी कदम उठाने होंगे, जिसमें लॉकर है।
प्राकृतिक आपदाओं में बैंक की जिम्मेदारी नहीं
वहीं RBI के नए दिशा निर्देशों के मुताबिक भूकंप, बाढ़, बिजली गिरना या आंधी तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं या ग्राहक की एकमात्र गलती या लापरवाही के कारण यदि लॉकर को किसी तरह का नुकसान होता है, तो उसके लिए बैंक जिम्मेदार नहीं होंगे।