वैसे केंद्र सरकार की कई तरह की योजनाएं हैं जो आपके फ्यूचर को सिक्‍योर करने का काम करती है। लेकिन एक ऐसी योजना जिसमें आपको भारीभरकम निवेश करने की जरुरत नहीं होती है और आपको रिटायरमेंट के नियम‍ित रूप से रुपया भी मिलता रहता है। ऐसी ही स्‍कीम का नाम है अटल पेंशन योजना।

अटल पेंशन योजना केंद्र सरकार की वो योजना है जिसे देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम से रखी गई है। यह पेंशन योजना इंफॉर्मल सेक्‍टर में काम करने वाले लोगों के लिए तैयार की गई है। जिसमें निवेश करने से निवेशक रिटायमेंट के बाद 1000 रुपए से 5000 रुपए तक पेंशन पा सकता है। इस पेंशन योजना को पोस्‍ट ऑफि‍स से भी लिया जा सकता है। आइए आपको भी बताते हैं इस योजना के बारे में।

उम्र के हिसाब से कंट्रीब्‍यूशन : अटल पेंशन योजना में रिटायरमेंट कोष में योगदान के रूप में एक पूर्व तय राशि ग्राहक के बैंक खाते से काटी जाती है और अंशदाता की उम्र और मंथली पेंशन की पसंद के आधार पर योगदान की मात्रा भी अलग होती है। इस स्‍कीम को 18 से 40 साल के उम्र के लोग ले सकते हैं। आवेदक के पास बैंक या पोस्‍ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट काफी जरूरी है। प्रत्‍येक कस्‍टमर केवल एक अटल पेंशन स्‍कीम ले सकता है।

कितनी मिलती है पेंशन : इस योजना के तहत मौजूदा समय में पांच मंथली पेंशन ऑप्‍शन देता है। 60 साल के बाद आपको 1,000, 2,000, 3,000, 4,000 और 5000 रुपए तक मंथली पेंशन का प्रावधान किया गया है। इस स्‍कीम में रजिस्‍ट्रेशन के बाद जो राश‍ि प्रीमि‍यम के लिए चुनी होगी वो मासिक, तिमाही और छमाही आधार पर आपके अकाउंट से काट लिया जाएगा। इसकी प्रीम‍ियम राश‍ि 42 रुपए से लककर 1454 रुपए तक अलग-अलग हो सकती है। वैसे ऑटो डेबिट सुविधा को आप अप्रैल महीने में चेंज कर सकते हैं।

पेंशन की गारंटी: यह पेंशन योजना न्‍यूनतम पेंशन की गारंटी देती है। सरकार योगदान की अवधि में मिले रिटर्न के मुकाबले वास्तविक रिटर्न में किसी भी कमी को कवर करती है। दूसरी ओर, सब्सक्राइबर को हाई रिटर्न का पेमेंट किया जाता है। अगर किसी कस्‍टमर के पास प्रीमियम की तय डेट तक अकाउंट में रुपया नहीं है तो वो अपनी किस्‍त को कुछ दिनों बाद भी दे सकता है। कस्‍टमर को देर से रुपया चुकाने के एवज में 100 रुपए पर एक रुपया चार्ज देना होता है। अगर आपका प्रीमि‍यम 500 रुपए है तो आपको 5 रुपए एक्‍सट्रा चार्ज देना होगा।

अगर 60 की उम्र में हो जाए मौत : अगर योजना में निवेश करने वाले की मौत उसकी 60 साल की उम्र से पहले ही मौत हो जाए तो निवेशक का स्‍पाउस किश्‍तों को जमा करना जारी रख सकता है। जिसके बाद वो 60 की उम्र के बाद हर महीने पेंशन पा सकते हैं। वहीं दूसरी ओर स्‍पाउस एक साथ रकम की डिमांड कर सकता है। वहीं स्‍पाउस की मौत के बाद रकम नॉमिनी को दे दी जाती है।