केंद्र सरकार ने छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को बड़ी खुशखबरी दी है। सरकार ने तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसम्बर) के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। अगली तिमाही एक अक्टूबर से शुरू हो रही है। सरकार ने छोटी बचत योजनाओं के ब्याज के लिए 30 बेसिस पॉइंट की वृद्धि की है। बता दें कि छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में 27 महीने बाद कोई संसोधन हुआ है।
सरकार हर तिमाही छोटी बचत योजनाओं की समीक्षा करती है। इसके बाद ब्याज दरें बढ़ाने या घटाने का फैसला लिया जाता है। यह फैसला वित्त मंत्रालय की ओर से लिया जाता है। पहले यह घोषणा रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक के बाद की जाती थी लेकिन अब वित्त मंत्रालय की ओर से यह घोषणा की जाती है।
वहीं सरकार ने सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम की ब्याज दर को बढ़ाकर 7.6 परसेंट कर दिया है। इसमें 0.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। पहले यह दर 7.4 परसेंट होती थी। इसी प्रकार से मंथली इनकम अकाउंट स्कीम की दर को भी 6.7 फीसदी कर दिया गया है, जबकि पहले यह दर 6.6 फीसदी हुआ करती थी।
दो साल के टाइम डिपॉजिट पर ब्याज दर को 5.5 परसेंट से बढ़ाकर 5.7 परसेंट किया गया है। ठीक इसी तरह 3 साल के टाइम डिपॉजिट की दर को 5.5 परसेंट से बढ़ाकर 5.8 परसेंट कर दिया गया है। जबकि पांच साल के टाइम डिपॉजिट पर ब्याज दर को 6.7 परसेंट ही रखा गया है।
मौद्रिक नीति समिति की अगस्त की बैठक में आरबीआई के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजीव रंजन ने पाया था कि जब छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को बढ़ाया जाता है, तो इससे बैंकों पर खुदरा जमा पर ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव बढ़ेगा।
वहीं सरकार ने नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है और पहले की तरह 6.8 फीसदी है। इसी तरह पीपीएफ की दर भी नहीं बदली गई है और यह 7.1 फीसदी पर बना हुआ है। सरकार ने किसान विकास पत्र की दर को 6.9 परसेंट से बढ़ाकर 7.0 परसेंट कर दिया गया है।