सरकारी लेटलतीफी का दंश लाखों शिक्षकों को कम वेतन लेकर उठाना पड़ रहा है। बिहार में 3.57 लाख शिक्षकों को 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि 1 अप्रैल 2021 को की गई थी। 10 महीने बीतने के बाद भी अभी तक शिक्षक बढ़े हुए वेतन का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने जिलों के लिए NIC द्वारा ऑनलाइन पे कैलकुलेटर सॉफ्टवेयर तैयार कराया था। ताकि वेतन निर्धारण में गलती नहीं हो। जिसमें 3 फरवरी तक 3 लाख 25 हजार 620 शिक्षकों का वेतन का डेटा अपलोड हो चुका हैं।

लेकिन डिजिटल सिग्नेचर द्वारा वेरिफिकेशन होने की वजह से अभी तक केवल 17 हजार 864 शिक्षकों को ही बढ़ा हुआ वेतन प्राप्त हो रहा है। वहीं बचे हुए शिक्षक जल्द से जल्द डिजिटल सिग्नेचर को वेरिफाइ रकने की गुहार शिक्षा विभाग से लगा रहे है। आपको बता दें जब तक शिक्षकों के डिजिटल साइन वेरिफाइ नहीं होंगे उन्हें बढ़े हुए वेतन का लाभ प्राप्त नहीं होगा।

27 जनवरी तक डेटा अपलोड और पे स्लिप देने का था निर्देश – बिहार माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने सभी जिलों के DEO और DPO को हर हाल में 27 जनवरी तक डेटा अपलोड कर शिकायत निबटा कर पे डिजिटल सिग्नेचर के साथ पे स्लिप देने का आदेश दिया था। ताकि जनवरी 2022 का वेतन शिक्षकों के अकाउंट में बढ़ी हुई दर से भेजा जा सकें। लेकिन अभी तक ये काम पूरा नहीं हो सकता है।

वहीं 3.57 लाख शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों में वैसे शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्ष हैं, जिनका विभिन्न कारणों से वेतन मामला लंबित है। इसमें 5 हजार ऐसे शिक्षक हैं, जो अनुकंपा के आधार पर शिक्षक बने हैं और उनकी दक्षता परीक्षा नहीं होने से अनट्रेंड का वेतन मिल रहा है। कुछ शिक्षकों का मामला न्यायालय में होने से वेतन बंद है।

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वहीं बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने आश्वासन दिया है कि, शिक्षकों की हर समस्या का समाधान किया जा रहा है। 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि के साथ शिक्षकों का डेटा लगभग अपलोड हो चुका है और जल्द ही डिजिटल सिग्नेचर पे स्लिप भी दे दी जाएगी।