प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत चीनी मोबाइल फोन निर्माता शाओमी (Xiaomi) की 5,551 करोड़ रुपये से अधिक राशि की जब्ती के आदेश दिए हैं। ये भारत में अब तक सबसे अधिक जब्त की गई राशि है। वहीं चीनी स्मार्ट डिवाइस फर्म शाओमी ने रविवार को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त किए गए 5,551.27 करोड़ रुपये में से 84 प्रतिशत से अधिक अमेरिकी चिपसेट कंपनी क्वालकॉम को रॉयल्टी भुगतान दिया जाना था।

ईडी ने चीनी फोन निर्माता कंपनी पर रॉयल्टी की आड़ में तीन संस्थाओं (एक Xiaomi समूह की कंपनी और दो यूएस-आधारित संस्थाओं) को 5,551.27 करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा भेजने का आरोप लगाया है। वहीं शाओमी ने बयान जारी कर कहा, “हमने आदेश को पढ़ा है और इस निर्णय से निराश हैं क्योंकि हमारे द्वारा उठाए गए किसी भी तथ्यात्मक और कानूनी विवाद को संबोधित नहीं किया गया है। हम मानते हैं कि हमारे रॉयल्टी भुगतान और बैंक को दिए गए बयान सभी वैध और सत्य हैं।

चीनी कंपनी ने कहा कि Xiaomi India, शाओमी समूह की कंपनियों में से एक की सहयोगी है, जिसने स्मार्टफोन बनाने के लिए IP लाइसेंस के लिए Qualcomm Group (USA) के साथ कानूनी समझौता किया है। बयान में कहा गया है कि Xiaomi और Qualcomm दोनों का मानना ​​है कि Xiaomi India के लिए क्वालकॉम रॉयल्टी का भुगतान करना एक वैध कमर्शियल व्यवस्था है।

शाओमी ने अपने बयान में कहा, “शाओमी इंडिया द्वारा विदेशी संस्थाओं को दिए गए कुल 5,551.27 करोड़ रुपये में से 84 प्रतिशत से अधिक रॉयल्टी भुगतान क्वालकॉम ग्रुप (यूएसए) को किया जाना था, जो कि मानक आवश्यक पेटेंट (एसईपी) सहित इन-लाइसेंस प्राप्त प्रौद्योगिकियों के लिए हमारे स्मार्टफोन के भारतीय संस्करण में उपयोग किए जाने वाले आईपी के लिए एक थर्ड पार्टी यूएस कंपनी है।

चीनी फर्म ने कहा कि प्रौद्योगिकियों और मानक आवश्यक पेटेंट (एसईपी) का उपयोग पूरे वैश्विक स्मार्टफोन उद्योग में किया जाता है और इन प्रौद्योगिकियों के बिना हमारे स्मार्टफोन भारत में काम नहीं करते। ईडी की जांच के अनुसार शाओमी ने भारत में अपना परिचालन वर्ष 2014 में शुरू किया और 2015 में पैसा भेजना शुरू किया।