पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि तेल व गैस ब्लॉक नीलामी के लिए नई नीति को मौजूदा वित्त वर्ष के आखिर तक अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। प्रधान ने यहां जैव ऊर्जा सम्मेलन के अवसर पर संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा- हम इस बारे में परामर्श पत्र लाए थे और सुझाव 30 नवंबर तक आएंगे। सभी सुझावों पर विचार करने के बाद हम नीति तैयार करेंगे और इसे कैबिनेट में पेश करेंगे। यह नीति इसी वित्त वर्ष में तैयार करना हमारा प्रयास होगा।
उल्लेखनीय है कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में तेल व गैस ब्लॉक आबंटित करने के लिए नई राजस्व व अनुबंध प्रणाली के बारे में एक परामर्श पत्र सोमवार को जारी किया। इसका उद्देश्य नियमों को सरल बनाते हुए तेल व गैस उत्खनन में निवेशकों की रुचि बहाल करना है।
इसके तहत सरकार ने गैस क्षेत्रों की भावी नीलामी में प्राकृतिक मूल्य निर्धारण (प्राइसिंग)को मुक्त करने तथा विवादास्पद उत्पादन भागीदारी अनुबंध (पीएससी)की जगह सरल राजस्व भागीदारी प्रणाली शुरू करने का प्रस्ताव किया है। सरकार ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जबकि गैस की मौजूदा दरों को उत्खनन व उत्पादन लागत के लिहाज से काफी कम माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बीपी, रिलायंस इंडस्ट्रीज व ओएनजीसी सहित देश विदेश की प्रमुख कंपनियां कीमत निर्धारण में स्वतंत्रता की मांग कर रही हैं क्योंकि उनके अनुसार मौजूदा दरों पर नया निवेश होना अव्यावहारिक लगता है। मंत्री ने कहा- कैग जैसे संस्थानों ने इस मुद्दे पर सुझाव दिए थे। बोली के नए चरण को अधिक प्रगतिशील, पारदर्शी व बाजार अनुकूल बनाने के लिए हमने यह परामर्श पत्र जारी किया है।