NPS Tier II vs Debt Mutual Funds: शॉर्ट टर्म यानी कम अवधि के लिए निवेश के बारे में फैसला करना हो, तो आम तौर पर डेट म्यूचुअल फंड्स, कम समय वाले फिक्स्ड डिपॉजिट (FDs) या किसी और शॉर्ट टर्म इनवेस्टमेंट ऑप्शन का जिक्र होता है। लेकिन निवेश का एक और विकल्प है एनपीएस टियर-2, जिसके बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं होता। एनपीएस (National Pension System) की टियर II स्कीम भी डेट फंड की तरह ही आपको बिना किसी लॉक-इन अवधि के अपने पैसों को 100% डेट सिक्योरिटीज़ में निवेश करने का मौका देती है। यानी इसमें लगाए गए अपने पैसों को भी आप किसी भी समय निकाल सकते हैं। लेकिन क्या यह शॉर्ट-टर्म डेट म्यूचुअल फंड से बेहतर है? NPS टियर II स्कीम और डेट फंड में आपके लिए क्या बेहतर रहेगा, इसका फैसला करने के लिए दोनों की तुलना करना जरूरी है।
किसमें निवेश ज्यादा आसान
सबसे पहले इस बात की तुलना करते हैं कि शॉर्ट-टर्म डेट म्यूचुअल फंड और NPS टियर II स्कीम में से किसमें निवेश करना ज्यादा आसान है।
- – डेट फंड में निवेश करना हो, तो आप फंड हाउस की वेबसाइट, म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर या ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से ऐसा आसानी से कर सकते हैं।
- – इसके लिए आपको सिर्फ जरूरी दस्तावेज सबमिट करने होंगे और अपने पसंद के फंड को सेलेक्ट करना होगा।
- – एनपीएस टियर II में निवेश करने से पहले आपको NPS टियर I स्कीम में निवेश करना जरूरी है।
- – सबसे पहले आपको टैक्स बचाने वाली और रिटायरमेंट तक के लॉक-इन वाली NPS टियर I स्कीम में पैसे डालने होंगे और उसके बाद ही आप एनपीएस टियर II में निवेश कर पाएंगे।
यानी निवेश में आसानी के मामले में एनपीएस टियर II स्कीम की तुलना में डेट फंड बेहतर हैं।
किसमें आसान है पैसे निकालना
पैसे लगाना तो डेट फंड में आसान है, लेकिन यह देखना भी जरूरी है कि पैसे निकालना किस स्कीम में आसान है। शॉर्ट-टर्म डेट म्यूचुअल फंड में या NPS टियर II स्कीम में। दोनों स्कीमों की तुलना करने पर साफ हो जाता है कि:
- – पैसे निकालने के मामले में दोनों ही योजनाएं एक जैसी हैं।
- – डेट फंड और एनपीएस टियर II, दोनों में पैसे निकालने के लिए कोई लॉक-इन पीरियड नहीं होता है।
- – डेट फंड से पैसे निकालने हों, तो दो दिन (Working Days) में आपके बैंक खाते में पैसे आ जाते हैं।
- – एनपीएस टियर II से भी पैसे निकालने हों तो आपकी रकम 2 से 3 वर्किंग डे में आपके बैंक खाते में जमा हो जाती है।
Also read : Investment Tips: कामयाबी के 7 मंत्र, सफल निवेशक बनने के लिए क्या करें और क्या न करें
टैक्स के लिहाज से कौन सी स्कीम बेहतर है
पैसे लगाने और निकालने के मामले में तुलना करने के साथ ही यह जानना भी जरूरी है कि शॉर्ट-टर्म डेट म्यूचुअल फंड या NPS टियर II में से कौन सी स्कीम टैक्स के लिहाज से बेहतर है। दरअसल टैक्स के लिहाज से दोनों में कोई फर्क नहीं है। डेट फंड हों, या एनपीएस टियर II स्कीम, दोनों से ही होने वाले मुनाफे पर आपके आयकर स्लैब के आधार पर इनकम टैक्स देना पड़ता है। यह बात याद रखनी चाहिए कि NPS टियर I स्कीम में जो टैक्स बेनिफिट मिलते हैं, वे NPS टियर II में नहीं मिलते।
किस स्कीम में मिलता है बेहतर रिटर्न
अब आते हैं उस मुद्दे पर जिसका निवेशकों को सबसे ज्यादा इंतजार रहता है। यानी दोनों स्कीम पर मिलने वाले रिटर्न की तुलना। चूंकि हम यहां शॉर्ट टर्म इनवेस्टमेंट के लिए बेहतर स्कीम के बारे में जानना चाहते हैं, इसलिए दोनों के पिछले एक साल के औसत रिटर्न की तुलना करेंगे।
टॉप डेट फंड्स का पिछले एक साल का रिटर्न
डेट फंड की कैटेगरी में हमने यहां लिक्विड फंड, अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड और शॉर्ट-ड्यूरेशन डेट फंड के रिटर्न का ही उदाहरण दिया है, क्योंकि इनमें ज्यादा स्थिरता रहती है और रिस्क काफी कम होता है।
– टॉप 10 लिक्विड फंड्स का पिछले 1 साल का औसत सालाना रिटर्न 7.40 फीसदी के आसपास रहा है।
– टॉप 10 अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स का पिछले 1 साल का औसत सालाना रिटर्न 7.50 से 7.75 फीसदी के बीच रहा है।
– टॉप 10 शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स का पिछले 1 साल का औसत सालाना रिटर्न 7.5 फीसदी से 8 फीसदी के बीच रहा है।
एनपीएस टियर II का पिछले एक साल का रिटर्न
एनपीएस टियर II स्कीम में डेट में निवेश के दो विकल्प मिलते हैं। सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करने वाली स्कीम ‘जी’ (Scheme G Tier II) और कॉरपोरेट बॉन्ड्स में निवेश करने वाली स्कीम ‘सी’ (Scheme C Tier II)।
– एनपीएस टियर II की स्कीम G में शामिल अलग-अलग फंड्स का पिछले एक साल का औसत सालाना रिटर्न 8.33 फीसदी से 9.39 फीसदी तक रहा है।
– एनपीएस टियर II की स्कीम C में शामिल अलग-अलग फंड्स का पिछले एक साल का औसत सालाना रिटर्न 7.23 फीसदी से 8.38 फीसदी तक रहा है।
किसमें करें निवेश
ऊपर दिए आंकड़ों से साफ है कि रिटर्न के लिहाज से एनपीएस टियर II स्कीम में ज़्यादा फायदा मिल रहा है। खास तौर पर सरकारी बॉन्ड वाली स्कीम ‘जी’ का रिटर्न काफी बेहतर नजर आ रहा है। लेकिन एनपीएस टियर II की स्कीम्स में निवेश पर मिलने वाले रिटर्न में वक्त के साथ-साथ ज्यादा तेजी से उतार-चढ़ाव आते हैं। जबकि कम अवधि वाले डेट फंड उनकी तुलना में ज़्यादा स्थिर रिटर्न देते हैं। इसलिए दोनों में कौन सी स्कीम आपके लिए बेहतर है, इसका फैसला आप अपनी जरूरत और प्राथमिकता के आधार पर कर सकते हैं। अगर आप ज्यादा स्थिरता चाहते हैं, भले ही रिटर्न थोड़े कम हों, तो कम अवधि वाले डेट फंड में निवेश कर सकते हैं। लेकिन अगर आपको ज्यादा रिटर्न चाहिए तो एनपीएस टियर II की स्कीम G का चुनाव कर सकते हैं।