सार्वजनिक विमानन कंपनी एअर इंडिया की वाशिंगटन के लिए सीधी उड़ान शुरू करने की योजना है और वह अमेरिका के कुछ और शहरों को सेवा शुरू करने पर विचार कर रही है। कंपनी सैन फ्रांसिस्को के लिए अपनी सेवा अगले महीने शुरू करने वाली है। कंपनी अमेरिका के तीन शहरों- न्यूयार्क, नेवार्क व शिकागो- के लिए पहले से ही ‘नान स्टाप’ उड़ानों का परिचालन कर रही है।
नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने शुक्रवार रात एक कार्यक्रम में कहा कि एयर इंडिया ने मुझे बताया है कि वह वाशिंगटन को सीधी उड़ान पर विचार कर रही है। वे सैन फ्रांसिस्को के लिए सीधी उड़ान शुरू किए जाने से पहले एअर इंडिया की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। यह उड़ान दो दिसंबर को शुरू होगी। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वाशिंगटन को सीधी सेवा के साथ साथ कंपनी देश के विभिन्न शहरों से अमेरिका के कई गंतव्यों को जोड़ने की व्यवहार्यता पर विचार करेगी।
उन्होंने कहा कि सैन फ्रांसिस्को वाली उड़ान को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। दिल्ली-सैन फ्रांसिस्को उड़ान उसकी सबसे लंबी उड़ानों में से एक होगी जिसमें 17 घंटे का समय लगेगा। एअर इंडिया बी77-200 एलआर विमान का इस्तेमाल करेगी। यह उड़ान सप्ताह में तीन दिन बुधवार, शुक्रवार व शनिवार को होगी। प्रवक्ता ने कहा कि बंगलुरु, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, कोच्चि, अमदाबाद व पुणे के यात्रियों को उड़ान के लिए निर्बाध संपर्क सेवा (कनेक्टिविटी) मुहैया कराई जाएगी। एअर इंडिया इस समय अमेरिका, यूरोप व खाड़ी देशों सहित विभिन्न 37 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों को उड़ानों का परिचालन करती है।
नागर विमानन मंत्रालय ने विमान आयात के नियमों में ढील दी
नई दिल्ली। विमान आयात के नियमों को उदार करते हुए नागर विमानन मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि विमानन कंपनियों को अब इसके लिए शुरुआती मंजूरी सिर्फ नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से ही लेनी होगी। इस कदम से घरेलू विमानन कंपनियों के लिए मंजूरी की प्रक्रिया आसान हो सकेगी। ज्यादातर एअरलाइंस अपने बेड़े का विस्तार करने की तैयारी कर रही हैं। अभी तक अनुसूचित व क्षेत्रीय अनुसूचित आपरेटरों को विमानों के आयात और अधिग्रहण के लिए मंत्रालय की मंजूरी लेनी होती है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मंत्रालय ने शुरुआती अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) या सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान करने का अधिकार डीजीसीए को दे दिया है। अधिकारों का यह स्थानांतरण प्रक्रियाओं को सुगम करने के लिए किया गया है। विमान आयात के लिए मंजूरी ढांचे में बदलाव को क्रियान्वित करने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) और रिजर्व बैंक ने भी अपनी मौजूदा अधिसूचना और मास्टर सर्कुलर में संशोधन किया है। डीजीएफटी ने यह संशोधन 9 अक्तूबर को किया जबकि रिजर्व बैंक ने इसमें बदलाव 26 नवंबर को किया।