नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए एक नए स्पेशल लिक्विडिटी प्रोग्राम को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में वित्त मंत्रालय के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। कैबिनेट ने स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम के जरिए कैश के संकट से जूझ रहीं नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को उबारने के लिए फ्रेमवर्क तैयार करने का भी प्रस्ताव पेश किया है। इससे पहले मोदी सरकार की ओर से जारी किए गए पैकेज के तहत नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए 70,000 करोड़ रुपय़े का प्रावधान किया गया था।
इस स्कीम के बारे में 2020-21 के बजट में भी प्रस्ताव रखा गया था। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि बजट में भी इसका ऐलान किया गया था, लेकिन कोरोना वायरस के दौर में आर्थिक संकट गहराने के चलते अब इस स्कीम को तत्काल लॉन्च करने का फैसला लिया गया है। सरकार और आरबीआई की ओर से नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को पहले से मदद की जा रही है। इस स्कीम के जरिए उन योजनाओं को मदद की जाएगी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम का पैकेज जारी किया है। इस पैकेज में 3 लाख करोड़ रुपये की रकम सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए भी 3 लाख करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।