आर्थिक संकट से जूझ रहे भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। कंपनी पर स्मार्टफोन निर्माता कंपनी नोकिया का 800 रुपए बकाया है और अगर इस रकम को नहीं चुकाया गया तो नोकिया सेवाएं बंद कर सकता है। इकनॉमिक टाइम्स को इंडस्ट्री के सूत्रों से मिली जानकारी में यह बात सामने आई है। मामले से जुड़े कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि ‘हम पर बेहद दबाव है। हमसे कहा जा रहा है कि हम उन सेवाओं को बंद कर दें जो बीएसएनएल को दी जा रही है।’ वहीं कंपनी के अन्य अधिकारी ने कहा कि हम बीते कई महीनों से बीएसएनल और सरकार को बकाया राशि के लिए पत्र लिख रहे हैं लेकिन स्थिति में अब तक कोई बदलाव नहीं आया।’
मार्च में कंपनी ने टेलिकॉम विभाग (DoT) को एक पत्र लिखकर बकाया राशि के भुगतान के लिए कहा था। लेकिन नोकिया अब तक दूरसंचार सेवा प्रदाता बीएसएनएल से 800 करोड़ रुपये का बकाया नहीं वसूल सका है। पत्र में कहा गया था कि अगर भुगतान समय पर नहीं किया गया तो भविष्य में सेवाएं बंद की जा सकती हैं। मालूम हो कि सिर्फ नोकिया ही नहीं बल्कि अन्य कई कंपनियां भी बीएसएनएल से भुगतान का इंतजार कर रही है। इनमें चीनी जेडटीई, अमेरिकन टॉवर कॉर्पोरेशन, यूटी स्टारकॉम और फाइबरहोम जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां शामिल हैं।
एक समय दूरसंचार सेवा बाजार में राज करने वाली बीएसएनएल आज अकुशल प्रबंधन, ग्राहक सेवा की दयनीय स्थिति, उत्कृष्ट उत्पादों की कमी, राजनीतिक हस्तक्षेप आदि के कारण दिवालिया होने के कगार पर हैं। बीएसएनएल का नेटवर्क देशभर में फैला है। आज भी निजी दूरसंचार ऑपरेटर अपना कारोबार बीएसएनएल की मदद से ही आगे बढ़ा रहे हैं, क्योंकि उनका खुद का नेटवर्क बहुत कम है। यदि बीएसएनएल अपने सेवा और उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार लाकर नेटवर्क का सही इस्तेमाल करें तो वे मौजूदा घाटे से बाहर निकल सकती हैं।
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मालूम हो कि बीएसएनएल के अलावा एमटीएनएल भी भारी घाटे में हैं। सरकार दोनों को एक करना चाह रही है। इन्हें घाटे से उबारने के लिए मर्जर के अलावा वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति), 4जी एयरवेब्स की बिक्री, जमीन व टावर्स से कमाई जैसे विकल्प सामने आए हैं। पर, अभी इस दिशा में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।