दो दिन पहले भारत सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर के आयात पर तत्काल रूप से प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि अब खबर आ रही है कि सरकार ने ऐसा नहीं किया है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मिंट से बात करते हुए कहा कि आईटी हार्डवेयर,लैपटॉप, टैबलेट के आयात पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं है।
सरकार ने क्या कहा?
वहीं केंद्र ने आज कहा कि लैपटॉप, टैबलेट, पर्सनल कंप्यूटर और अल्ट्रा-स्मॉल कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर प्रतिबंध तुरंत नहीं लगाया जाएगा और इन्हें लागू करने के लिए एक ट्रांजीशन फेज से गुजरना होगा। पहले से ऑर्डर किए गए शिपमेंट को ध्यान में रखते हुए यह ट्रांजीशन अवधि चार महीने तक हो सकती है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक ट्वीट में कहा, “इसे लागू करने के लिए एक ट्रांजीशन पीरियड होगा जिसे जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा।”
सरकार की ओर से यह स्पष्टीकरण आयात पर प्रतिबंधों की घोषणा के एक दिन बाद आया है। नए नियम में कहा गया है था कि बिक्री के लिए विदेश से ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लाने की इच्छुक किसी भी संस्था या कंपनी को भारत में ‘प्रतिबंधित आयात के लिए वैलिड लाइसेंस’ बनवाना होगा।
भारत में लैपटॉप और पर्सनल कंप्यूटर का बड़ा हिस्सा चीन से आता है। सरकार के इस निर्देश के पीछे का मकसद घरेलू उत्पादन में ग्रोथ की दिशा में बदलाव को बढ़ावा देना मालूम होता है। यह स्मार्टफोन निर्माण के क्षेत्र में अपनाई गई सफल रणनीति को दर्शाता है। विदेश व्यापार महानिदेशालय से जारी निर्देश को गुरुवार सुबह पेश किया गया था।
प्रतिबंध से क्या होगा?
वहीं अगर प्रतिबंध लगता है आगे तो इससे ग्राहकों को तत्काल कई नुकसान भी हो सकते हैं। आयात प्रतिबंध से संभावना है कि बाजार में नए लैपटॉप की कीमतें बढ़ सकती हैं। इसलिए, यदि आप नए लैपटॉप पर एक लाख से अधिक खर्च करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको उसी प्रोडक्ट के लिए बजट बढ़ाना पड़ सकता है। हालांकि नए नियम से सरकार चाहती है कि असेम्बल भारत में हो। अगर ऐसा होता है तो इन गैजेट्स की कीमतें कम हो सकती हैं।