जल्द आपको सड़कों पर कोको कोला कंपनी की बोतलें कूड़े के ढेर या फिर सड़क पर इधर-उधर पड़ी हुई दिखाई नहीं देंगी। कंपनी उत्पाद बेचने के बाद ग्राहकों को उपयोग की जाने वाली सिंगल यूज प्लास्टिक के निस्तारण के लिए बड़ी योजना पर काम कर रही है। कोका कोला कंपनी की ओर से सोमवार को कहा गया कि भारत में हम आने वाले 2-3 सालों में कंपनी की ओर से बेची जाने वाली 100 फीसदी प्लास्टिक की बोतलों और कैनों का रिसाइकल करेंगे।
कंपनी की ओर से बताया गया कि वैश्विक स्तर पर कचरे के बिना दुनिया (World Without Waste) कैंपेन शुरू किया गया है, जिसके तहत 2030 तक कंपनी पूरी दुनिया में बेचे जाने वाली सभी प्लास्टिक की बोतलों और कैनों को एकत्रित कर उनको रिसाइकल करेगी।
कोका-कोला इंडिया की सार्वजनिक मामला एवं संचार (Public Affairs and Communication) के उपाध्यक्ष देवयानी राज्य लक्ष्मी राणा ने पीटीआई के साथ बातचीत में कहा कि कंपनी का ध्यान बहुस्तरीय पैकेजिंग (एमएलपी) की बजाय बोतलों और कैनों को एकत्र कर उनका रिसाइकल करने पर है।
उन्होंने कहा कि एमएलपी प्लास्टिक का एक प्रकार होता है जिसे चिप्स, बिस्कुट, चॉकलेट और अन्य पदार्थों की ‘पैकेजिंग’ में इस्तेमाल किया जाता है। इसे रिसाइकल करना बहुत मुश्किल होता है।
कोका-कोला इंडिया के निदेशक (भारत और दक्षिण पश्चिम एशिया की सीएसआर और सस्टेनेबिलिटी) राजेश अयापिला ने कहा, “2020 में लगभग 62,825 टन पोस्ट-कंज्यूमर पैकेजिंग को रिकवर किया था”
उन्होंने आगे कहा कि कंपनी ने कई एजेंसियों जैसे सहस, चिंतन, अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन, महिला सेवा ट्रस्ट (सेवा), हसीरू डाला फाउंडेशन के साथ पार्टनरशिप की है, जिससे आत्मनिर्भर कचरा प्रबंधन बुनियादी ढांचे और मॉडल की स्थापना की जा सके। वहीं कंपनी का उद्देश्य आम लोगों में इसके लिए जागरूकता फैलाना भी है, जिससे पर्यावरण को स्वच्छ रखा जा सके।
अयापिला ने कहा हमें आशा है कि हम अगले दो-तीन सालों में 100 फीसदी बोतलों को एकत्र कर रिसाइकल कर पाएंगे। यह कंपनी का आंतरिक लक्ष्य है हमने पहले ही 2020 में 36 फीस दी के लक्ष्य को हासिल कर लिया है।