चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच सरकार ऐसे देशों की कंपनियों के निवेश पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है, जिन्होंने भारत की जमीन पर कब्जा किया है। सूत्रों के मुताबिक सरकार एक ऐसे प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जिसके तहत भारत की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले देशों की कंपनियों को भारत में कारोबार की अनुमति नहीं दी जाएगी। खासतौर पर ऐसे देशों की कंपनियों के कारोबार पर रोक लगाने पर विचार चल रहा है, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में सक्रिय हैं। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन सरकार में इस बात पर चर्चा चल रही है कि इस फैसले को लागू करने से भारत में कारोबार पर क्या असर होगा।

इस प्रस्ताव पर कोई भी फैसला होता है तो सीधे तौर पर चीनी कंपनियों पर असर होगा। चीन ने लद्दाख में 38,000 वर्ग किलोमीटर के इलाके में अवैध रूप से कब्जा जमा रखा है। इसके अलावा पाकिस्तान ने कश्मीर के हिस्से शक्सगाम वैली के 5,000 वर्ग किमी के इलाके को चीन को दे दिया है। सूत्रों के मुताबिक यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो कुछ नियमों में बदलाव करके इस फैसले को लागू किया जाएगा।

जनरल फाइनेंशियल रूल्स में भी कुछ बदलाव किए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि इस फैसले पर सोच-समझकर ही आगे बढ़ा जाएगा क्योंकि यह बेहद संवेदनशील मसला है और इससे चीन के साथ कूटनीतिक संबंध निचले स्तर पर जा सकते हैं।

अप्रैल में ही भारत ने चीन का जिक्र किए बिना ऐसे देशों से ऑटोमेटिक रूट से एफडीआई पर भी रोक लगा दी थी। केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया था, ‘एक ऐसे देश की कंपनी जिसकी सीमाएं भारत से लगती हों और भारत में निवेश का लाभार्थी ऐसे देश का नागरिक हो, उस कंपनी को सरकारी रूट से ही इन्वेस्टमेंट करना होगा।’ गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया है। इस फैसले के बाद भड़के चीन ने कहा था कि विदेशी निवेशकों के हितों की सुरक्षा करना भारत की जिम्मेदारी है।