New Income Tax Bill 2025: भारत सरकार ने आखिरकार मोस्ट-अवेटेड इनकम टैक्स बिल, 2025 की ड्राफ्ट कॉपी पब्लिश कर दी है। संसद में कल यानी 13 फरवरी को नए इनकम टैक्स बिल को पेश किया जाएगा। इस बिल के जरिए टैक्स नियमों को सरल बनाने और इसकी संरचना को बेहतर बनाना है। नए बिल में कुल 23 चैप्टर, 16 शेड्यूल और 536 क्लॉज दिए गए हैं।
नए बिल में सबसे बड़े बदलावों में से एक है- एक सरल शब्दावली की शुरूआ। जिसमें ‘Assessment Year’ की जगह ‘Tax Year’ और ‘Previous Year’ की जगह ‘Financial Year’ आएगा। टैक्स ईयर 1 अप्रैल से शुरू होने वाली 12 महीने की अवधि का प्रतिनिधित्व करेगा, जो इसे फाइनेंशियल ईयर फ्रेमवर्क के साथ अलाइन करेगा।
नए इनकम टैक्स बिल में क्या-क्या होगा? हो गया खुलासा, Tax Year पर जोर, जानें नए कानून की बड़ी बातें
नया आयकर विधेयक डिजिटल लेनदेन और क्रिप्टो परिसंपत्तियों से संबंधित परिभाषाओं का विस्तार करके उभरते वित्तीय परिदृश्य को भी संबोधित करता है। इसके अतिरिक्त, इसमें लाभांश के संदर्भ में ‘वित्त कंपनियों’ और ‘वित्त इकाइयों’ के विशिष्ट संदर्भ शामिल हैं, जिनका वित्तीय संस्थानों और निवेशकों पर प्रभाव पड़ सकता है।
नया इनकम टैक्स बिल, डिजिटल लेनदेन और क्रिप्टो एसेट्स से जुड़ी परिभाषाओं का विस्तार करके, फाइनेंशियल लैंडस्केप को भी एड्रेस करेगा। इसके अलावा, इसमें डिविडेंड (लाभांश) के बारे में ‘Finance Companies’ और ‘Finance Units’ में भी खास संदर्भ शामिल हें, जिनका प्रभाव वित्तीय संस्थानों और निवेशकों पर पड़ सकता है।
एक उल्लेखनीय अनुपालन सुधार करदाता चार्टर की शुरूआत है, जिससे पारदर्शिता बढ़ने और करदाताओं के अधिकारों की सुरक्षा की उम्मीद है। इसके अलावा, विधेयक में एक विस्तृत खंड शामिल है जो सुझाव देता है कि विदेशी कंपनियों को निवासियों के रूप में समझा जा सकता है, जो संभावित रूप से भारत में संचालित वैश्विक व्यवसायों के लिए कर देनदारियों में बदलाव कर सकता है।
बता दें कि नए इनकम टैक्स बिल के साथ एक बड़ा सुधार टैक्सपेयर्स चार्टर की शुरुआत भी है। जिससे ट्रांसपेरेंसी बढ़ने और टैक्सपेयर्स के अधिकारों को सुरक्षित रहने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, विधेयक में एक डिटेल्ड सेक्शन शामिल है जो सुझाव देता है कि विदेशी कंपनियों को निवासियों के रूप में समझा जा सकता है, जो संभावित रूप से भारत में संचालित ग्लोबल बिजनेस के लिए कर देनदारियों (tax liabilities) में बदलाव कर सकता है।
नया इनकम टैक्स बिल: जानें कुछ अहम जानकारियों के बारे में:
न्यू टैक्स रेजीम के तहत टैक्स स्लैब Tax Slabs Under New Tax Regime
4,00,000 रुपये तक: कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा।
4,00,001 रुपये से 8,00,000 रुपये तक: टैक्स की दर 5% है।
8,00,001 रुपये से 12,00,000 रुपये तक: टैक्स की दर 10% है।
12,00,001 रुपये से 16,00,000 रुपये तक: टैक्स की दर 15% है।
16,00,001 रुपये से 20,00,000 रुपये तक: टैक्स की दर 20% है।
20,00,001 रुपये से 24,00,000 रुपये तक: टैक्स की दर 25% है।
24,00,000 रुपये से ऊपर: टैक्स रेट 30% है
सैलरी डिडक्शन (Salary Deductions)
ओल्ड टैक्स रेजीम के तहत, कर्मचारी 50,000 रुपये या उनकी वेतन राशि, जो भी कम हो, के स्टैंडर्ड डिडक्शन का दावा कर सकते हैं।
संविधान के अनुच्छेद 276(2) के अनुसार, टैक्सपेयर्स द्वारा रोजगार पर किया गया भुगतान कर पूरी तरह से काटा जाएगा।
Pension Commutation
केंद्र सरकार के सिविल पेंशन (संराशिकरण) नियमों या अन्य सरकारी सेवाओं, सिविल सेवाओं और रक्षा के लिए समान योजनाओं के तहत पेंशन कम्युटेशन पूरी तरह से कटौती योग्य होगा।
इन प्रस्तावित बदलावों के साथ, आयकर विधेयक, 2025 एक सरलीकृत और modernized tax system की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश भर के टैक्सपेयर्स के लिए बेहतर स्पष्टता और अनुपालन सुनिश्चित करता है।