New Income Tax Bill 2025: नए इनकम टैक्स बिल को Income-Tax Act, 2025 के नाम से जाना जाएगा। कल यानी 13 फरवरी 2025 को न्य इनकम टैक्स बिल संसद में पेश किया जाएगा। नया बिल 6 दशक पुराने Income Tax Act, 1961 की जगह लेगा। नया आयकर विधेयक को पूरे भारतवर्ष में लागू किया जाएगा और यह 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा।
विधेयक का मकसद, भारत में टैक्स स्ट्रक्चर को सरल और आधुनिक बनाना है, जिससे निष्पक्ष और ट्रांसपेरेंट सिस्टम सुनिश्चित करते हुए टैक्सपेयर्स के लिए अनुपालन आसान हो सके।
टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी खबर, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने लॉन्च किया Tax Calculator
इसके अलावा, बिल में इस्तेमाल की गई भाषा, मौजूदा अधिनियम की तुलना में सरल है जिसे समझना कभी-कभी मुश्किल हो जाता है और कई बार अलग-अलग मतलब निकलता है। विधेयक की सरल भाषा से टैक्स मुकदमेबाजी कम करने में मदद मिलेगी, जिससे करदाताओं और कर विभाग दोनों को समान रूप से लाभ होगा।
नए इनकम टैक्स बिल की बड़ी बातें
-नए बिल के ड्राफ्ट में 536 सेक्शन, 16 अनुसूचियां और 23 चैप्टर दिए गए हैं। छूट को लेकर नियमों को अलग-अलग सेक्शन में जानकारी दी गई है।
-न्यू इनकम टैक्स बिल, 2025 में 536 धाराएं शआमिल हैं। जबकि मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 में 298 धाराएं हैं। मौजूदा कानून में 14अनुसूचियां हैं जबकि नए में 16 रहेंगी।
-Income Tax Act, 1961 की जगह आने वाले नए इनकम टैक्स बिल में 622 पन्ने हैं जबकि मौजूदा विधेयक में 880 पन्ने हैं। नए बिल में अधिकतर सब-सेक्शन को खत्म कर दिया गया है।
-नए इनकम टैक्स बिल में अब किसी व्यक्ति के लिए (क), हिंदू विभाजित परिवार के लिए (ख) व लोगों के समूह के लिए (ग) जैसे सबसेक्शन की जगह टैक्स कैलकुलेशन टैक्स स्लैब के मुताबिक किया गया है।
-डिफेंस सेक्टर जैसे आर्मी, पैरा फोर्स और अन्य कर्मचारियों को मिलने वाली ग्रेच्युटी पर टैक्स में छूट दी गई है।
-अग्निपथ योजना के तहत किए जाने वाले योगदान पर भी नए बिल में कोई टैक्स नहीं लगेगा। अभी भी ऐसा ही नियम है।
-होम लोन, मेडिकल, पीएफ, हायर एजकेशन पर लोन, इलेक्ट्रिक वाहन और इंश्योरेंस पर टैक्स छूट को बरकरार रखा गया है।
Charge of Inocme Tax
- -किसी भी कर वर्ष के लिए इनकम टैक्स, इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार उस दर या दरों पर लिया जाएगा जो ऐसे टैक्स ईयर के लिए केंद्रीय अधिनियम द्वारा अधिनियमित हैं।
-sub-section (1) के तहत इनकम टैक्स का चार्ज, इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार हर व्यक्ति की टैक्स ईयर की कुल आय पर होगा।
-आयकर में इस अधिनियम के तहत लगाया गया कोई भी अतिरिक्त इनकम भी शामिल होगा, चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाए।
-यदि यह अधिनियम यह प्रावधान करता है कि टैक्सईयर के अलावा किसी अन्य अवधि की आय के संबंध में आयकर लगाया जाना है, तो यह उस हिसाब से चार्ज किया जाएगा।
-sub-section (2) (2) के तहत चार्जेबल इनकम के लिए, इस अधिनियम के तहत प्रावधान के अनुसार आयकर, सोर्स पर ही काटा जाएगा या कलेक्ट किया जाएगा या फिर एडवांस चुकाया जाएगा।
Income from House Property
टैक्सपेयर्स के स्वामित्व वाली किसी भी इमारत या उससे जुड़ी भूमि से हुई संपत्ति का वार्षिक मूल्य “Income from house property” के तहत आयकर के दायरे में आएगा।
सब-सेक्शन (1) के प्रावधान संपत्ति के ऐसे हिस्सों पर लागू नहीं होंगे, जैसा कि टैक्सपेयर ने अपने व्यवसाय या पेशे के लिए जगह का इस्तेमाल किया है, जिसका प्रॉफिट आयकर के दायरे में आता है।