New Income Tax Act, 2025: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, जनवरी तक सरल किए गए आयकर अधिनियम, 2025 के तहत नए ITR फॉर्म और नियमों की अधिसूचना जारी करेगा। आयकर विभाग से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बता दें कि नया इनकम टैक्स बिल, छह दशक पुराने 1961 में आए आयकर अधिनियम की जगह ले रहा है। नया आयकर बिल 2025, 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। इसका उद्देश्य कर अनुपालन (टैक्स कंप्लायंस) को और सरल व टैक्सपेयर्स के अनुकूल बनाना है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के प्रमुख रवि अग्रवाल ने हाल ही में यह जानकारी दी थी।
अग्रवाल ने भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (IITF) में टैक्सपेयर्स लॉन्ज लॉन्च करने के बाद पत्रकारों से कहा, “हम फॉर्म और नियमों को डिज़ाइन करने की प्रक्रिया में हैं। हमारा लक्ष्य है कि इसे जनवरी तक लागू कर दिया जाए, ताकि टैक्सपेयर्स अपने सिस्टम में जरूरी बदलाव के लिए पर्याप्त समय पा सकें।”
टैक्सपेयर्स की आसानी के लिए सरल फॉर्म
अधिकारियों के अनुसार, आयकर अधिनियम के तहत लागू सभी फॉर्म- जैसे TDS की तिमाही रिटर्न फॉर्म और ITR फॉर्म को दोबारा तैयार किया जा रहा है। डायरेक्टरेट ऑफ सिस्टम्स, फॉर्म को स्पष्ट और इस्तेमाल में आसान बनाने के लिए कर नीति प्रभाग (टैक्स पॉलिसी डिविजन) के साथ मिलकर काम कर रहा है। कानून विभाग द्वारा जांच-पड़ताल (वेटिंग) के बाद नियमों को अधिसूचित किया जाएगा और संसद के समक्ष पेश किया जाएगा।
आपको बता दें कि नया कानून किसी भी तरह की नई कर दरें लागू नहीं करता, बल्कि भाषा और संरचना को सरल बनाने पर फोकस करता है। आयकर अधिनियम, 2025 गैर जरूरी प्रावधानों और पुराने शब्दों को हटाकर अधिनियम को अधिक सरल बनाया गया है ताकि टैक्सपेयर्स आसानी से इसे समझ सकें। इसमें धाराओं की संख्या 819 से घटाकर 536 और अध्यायों की संख्या 47 से घटाकर 23 कर दी गई है।
नए कानून में कुल शब्दों की संख्या को 5.12 लाख से घटाकर 2.6 लाख कर दिया गया है। समझ को आसान बनाने के लिए 39 नए टेबल और 40 नए फॉर्मूले शामिल किए गए हैं, ताकि कठिन टेक्स्ट की जगह स्पष्ट और आसान जानकारी दी जा सके।
नए बिल का उद्देश्य
गौर करने वाली बात है कि संसद में 12 अगस्त को नया इनकम टैक्स बिल, 2025 पास किया गया था। इस कानून का उद्देश्य कर कानूनों को समझने और उनका पालन करने की प्रक्रिया को आसान बनाना है। सरल बनाए गए ITR फॉर्म और स्पष्ट दिशा-निर्देश करदाताओं में होने वाली भ्रम की स्थिति को कम करेंगे और रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को और ज्यादा आसान बनाएंगे।
