Nepal GenZ Protests: एअर इंडिया ने नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच हवाई अड्डे के बंद होने की वजह से आज (9 सितंबर, 2025) को दिल्ली से काठमांडू के बीच अपनी उड़ानें रद्द कर दीं। नेपाल में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं और काठमांडू स्थित त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। एअर इंडिया के अलावा इंडिगो ने भी सुरक्षा कारणों से काठमांडू जाने वाली फ्लाइट्स रद्द कर दी हैं।

विमानन कंपनी ने एक बयान में बताया, “काठमांडू में मौजूदा स्थिति को देखते हुए दिल्ली-काठमांडू-दिल्ली मार्ग पर उड़ान भरने वाली एआई2231/2232, एआई 2219/2220, एआई 217/218 और एआई 211/212 उड़ानें आज (मंगलवार) के लिए रद्द कर दी गईं। हम स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और आगे की जानकारी साझा करेंगे।”

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काठमांडू एयरपोर्ट बंद

फ़्लाइट ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, दोपहर लगभग 2 बजे के आसपास एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया। उस समय कुछ उड़ानें- जिनमें इंडिगो की दो और एयर इंडिया की एक फ़्लाइट शामिल थीं, काठमांडू में लैंडिंग की अनुमति का इंतजार कर रही थीं, लेकिन उन्हें शहर के दक्षिण में होल्ड पर रखा गया और बाद में लैंडिंग की अनुमति नहीं दी गई।

इंडिगो और एयर इंडिया ने कहा है कि वे हालात पर करीबी नजर रख रहे हैं। नेपाल के स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, काठमांडू एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए सेना तैनात की गई है।

इंडिगो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी ट्रैवल एडवाइजरी में लिखा, ‘काठमांडू में मौजूदा हालात को देखते हुए, एयरपोर्ट को संचालन के लिए बंद कर दिया गया है। जिसके चलते काठमांडू के लिए और वहां से सभी उड़ानें फिलहाल स्थगित हैं। यदि आपका यात्रा कार्यक्रम प्रभावित हुआ है, तो आप हमारी वेबसाइट पर जाकर आसानी से ऑप्शनल फ्लाइट चुन सकते हैं या रिफंड क्लेम कर सकते हैं।’

19 प्रदर्शनकारियों की मौत

सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन के खिलाफ शुरू हुए इस प्रदर्शन में कम से कम 19 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है जिनमें से 16 काठमांडू में थे और 200 से अधिक लोग घायल हुए। पुलिस ने नेपाल सरकार के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर गोली चलाई थी। नेपाल सरकार ने दो दर्जन से अधिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया था। हालांकि बाद में यह प्रतिबंध हटा लिया गया, लेकिन प्रदर्शन सोमवार और मंगलवार को और तेज हो गए और यह भ्रष्टाचार-विरोधी बड़े आंदोलन में बदल गया। बिगड़ते हालात के बीच, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया।

भारत ने मंगलवार सुबह कहा कि वह पड़ोसी देश में हो रहे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है और उम्मीद जताई कि संयम बरता जाएगा और सभी मुद्दों का समाधान शांतिपूर्ण तरीकों और संवाद के माध्यम से किया जाएगा। साथ ही भारत ने नेपाल में रहने वाले अपने नागरिकों को सलाह दी कि वे सतर्क रहें और नेपाली अधिकारियों द्वारा जारी किए गए निर्देशों और गाइडलाइन का पालन करें।

MEA ने कहा, “एक करीबी मित्र और पड़ोसी के रूप में, हम उम्मीद करते हैं कि सभी संबंधित पक्ष संयम बरतेंगे और किसी भी मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीकों और संवाद के माध्यम से सुलझाएंगे।”

साथ ही मंत्रालय ने बताया, “हमने नोट किया है कि काठमांडू और नेपाल के कई अन्य शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है। नेपाल में रहने वाले भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने और नेपाली अधिकारियों द्वारा जारी किए गए निर्देशों और गाइडलाइन का पालन करने की सलाह दी जाती है।”